November 18, 2024

हिमाचल के CM जयराम ठाकुर भी दिल्ली तलब, कांग्रेस का तंज- बचा लें अपनी कुर्सी

Shimla/Alive News : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बीजेपी आलाकमान ने मंगलवार को दिल्ली तलब किया है. गुजरात में मुख्यमंत्री बदलने जाने के बाद सीएम जयराम को दिल्ली बुलाए जाने पर हिमाचल की सियासत गर्मा गई है. इस बहाने कांग्रेस ने बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है और यहां तक कह दिया है कि मुख्यमंत्री जयराम को हटाया जा रहा है.

मुख्यमंत्री के साथ उनके प्रधान निजी सचिव डॉ. आरएन बत्ता भी दिल्ली जा रहे हैं. सीएम जयराम ठाकुर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मंगलवार दोपहर में मुलाकात करेंगे. ये मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि प्रदेश में उपचुनाव होने हैं और अगले साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बीजेपी राज्यों में अपने नेतृत्व को मजबूत करने में जुटी है, जिसके चलते हिमाचल को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं.

जयराम ठाकुर पांच दिन पहले ही दिल्ली आए थे
दरअसल, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को 5 दिन के अंदर ही दोबारा दिल्ली बुलाया गया है. गुजरात प्रकरण के फौरन बाद सीएम को शिमला से दिल्ली बुलाए जाने के घटनाक्रम से तमाम तरह की कयासबाजी तेज हो गई है. पिछले बुधवार को ही जयराम ठाकुर ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से दिल्ली में मुलाकात किया था.

सीएम जयराम ठाकुर गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी हिमाचल आने का न्योता दिया और केंद्रीय मंत्रियों से मिलने के बाद उज्जैन चले गए थे. सीएम रविवार को ही नई दिल्ली से शिमला पहुंचे थे कि उन्हें फिर से हाईकमान ने दिल्ली बुलाया है. वहीं, राज्य के मंत्रियों की परफार्मेंस पर पार्टी आलाकमान लंबे समय से नजर बनाए हुए है और चुनाव से पहले मंत्रिमंडल में भी फेरबदल की चर्चा तेज हैं.

कांग्रेस ने कहा-सीएम कुर्सी बचाएं
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पांच नहीं छह मुख्यमंत्री बदलने हैं. इसलिए जयराम ठाकुर अपनी कुर्सी बचा लें. उन्होंने कहा कि बीजेपी को लेकर लोगों में भारी गुस्सा है. कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा में जिस तरह बीजेपी रैली नहीं कर सकती, उसी तरह बागवानों के खिलाफ मंत्री द्वारा दिए गए बयान के बाद बीजेपी अब शिमला में भी रैली नहीं कर सकती है.

बीजेपी पांच सीएम बदल चुकी है
बता दें कि विजय रुपाणी पिछले छह महीने में हटाए जाने वाले बीजेपी के 5वें मुख्यमंत्री बन गए हैं. पहले असम में चुनाव नतीजों के साथ ही नेतृत्व परिवर्तन हुआ. असम में सर्बानंद सोनोवाल की जगह हेमंत बिस्वा सरमा मुख्यमंत्री बनाए गए हैं. इसके बाद फिर उत्तराखंड में दो सीएम बदले गए, पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत को सत्ता की कमान सौंपी गई और तीन महीने के बाद उनकी जगह पुष्कर धामी को सीएम बनाया गया है.

कर्नाटक से बीएस येदियुरप्पा की विदाई हुई और उनकी जगह बीएस बोम्मई को मुख्यमंत्री की कमान सौंपी गई है. अब गुजरात में विधानसभा चुनाव से एक साल पहले बीजेपी ने मुख्यमंत्री बदल दिया है. विजय रुपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया है. माना जा रहा है कि बीजेपी ऐसे ही कई दूसरे राज्यों में भी सीएम का चेहरा बदलने का दांव चल सकती है.

क्या बीजेपी और भी सीएम बदलेगी
दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने विभिन्न राज्यों में नई लीडरशिप उभारने की दिशा में काम आरंभ किया था. हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बीजेपी ने नए चेहरों पर दांव खेला. ऐसे में जहां-जहां ये दांव असरदार नहीं रहा, वहां बदलाव करने में पार्टी नहीं हिचक रही. पांच महीनों में चार राज्यों में जो बदलाव हुए हैं उससे बाकी राज्यों में बीजेपी सरकार को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि क्या गोवा, हिमाचल, हरियाणा, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी यही फॉर्मूला लागू हो सकता है?

बीजेपी जिस तरह से एक के बाद एक राज्य के मुख्यमंत्री बदला है, उसके साफ संकेत है कि पार्टी में मुख्यमंत्री के लिए सिर्फ साफ छवि और विकास कार्य पर्याप्त नहीं है बल्कि जनता के बीच यह भावना जरूरी है कि विकास हो रहा है और सीएम का चेहरा राज्य में प्रभावी हो. ऐसे में अगले साल हिमाचल में भी विधानसभा चुनाव होने हैं और वहां पर हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन होता रहा है. यही वजह है कि बीजेपी सचेत हो गई है और सियासी समीकरण को दुरुस्त करने में जुटी है.