Faridabad/Alive News भारत ने विश्वस्तरीय सड़कों और राजमार्गों के विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे हमारे बुनियादी ढांचे और ज्यादा समृद्ध हुए हैं। भारत का रोड नेटवर्क आज विश्व में दूसरे स्थान पर है। यह बात भारत सरकार में माननीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने आज फरीदाबाद स्थित अमृता अस्पताल में आयोजित ‘सर सलामत तो घर सलामत” कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर कही।
कार्यक्रम में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने विश्व सिर पर चोट जागरूकता दिवस (20 मार्च) के अवसर पर अस्पताल के साथ एक दीर्घकालिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया।सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के माध्यम से 2047 के विकसित भारत में रोड नेटवर्क ऐसा हो कि जिस पर दुर्घटना की संभावना न के बराबर हो। हम उस विकसित भारत को बनाने के लिए समय समय पर सड़को का निरिक्षण कर उन ब्लैक स्पॉट का मुआयना कर उसको सुधरने का काम करते है जहां दुर्घटना होने की सम्भावना बन सकती हो।
“दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सरकार शिक्षा, इंजीनियरिंग, प्रवर्तन और आपातकालीन चिकित्सा– इन चार स्तंभों पर केंद्रित समग्र रणनीति के साथ कार्य कर रही है। एम्बुलेंस स्टाफ और पुलिस बल, ट्रॉमा प्रतिक्रिया में अग्रिम पंक्ति के योद्धा हैं, और उनका सशक्तिकरण जीवन रक्षा के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा की इस साझेदारी के अंतर्गत ‘सर सलामत तो घर सलामत’ नामक एक राष्ट्रव्यापी पॉली ट्रॉमा जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई है, जिसके माध्यम से एनएचएआई (NHAI) के एम्बुलेंस स्टाफ, निजी एम्बुलेंस सेवा प्रदाताओं एवं हरियाणा पुलिस के गश्ती वाहनों को आपातकालीन प्रतिक्रिया में प्रशिक्षित किया जाएगा।
इस पहल का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के बाद त्वरित और प्रभावी प्राथमिक चिकित्सा सुनिश्चित करना है, जिससे अमूल्य जीवनों की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि निरंतर तकनीकी प्रगति के साथ हम भारत के सड़क बुनियादी ढांचे को 2047 दृष्टिकोण केसाथ संरेखित करने और राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को विश्वस्तर पर लेजाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह प्रयास भारत सरकार की स्टॉकहोम घोषणा के अंतर्गत वर्ष 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50% की कमी लाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।इस दौरान एनएचएआई से मोहम्मद सैफी और अस्पताल के अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।