November 25, 2024

युवाओं की प्रेरणा स्त्रोत है हरियाणा की बेटी कल्पना चावला: मनचंदा

Faridabad/Alive News: राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनआईटी तीन फरीदाबाद की जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में कल्पना चावला को युवाओं की प्रेरणा स्तोत्र बताया। विद्यालय की सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड और जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी प्रधानाचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया अंतरिक्षयान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही टूटकर बिखर गया था।

देखते ही देखते अंतरिक्ष यान और उसमें सवार सातों यात्रियों के अवशेष टेक्सास नामक शहर पर बरसने लगे थे और सबसे सफल कहा जाने वाला यह अभियान समाप्त हो गया। इसी दुर्घटना में अंतरिक्ष पर पहुंचने वाली भारतीय मूल की पहली महिला व नासा वैज्ञानिक कल्पना चावला की मृत्यु हो गई थी उन्हें बचपन से ही अंतरिक्ष और खगोलीय विज्ञान में बहुत अधिक रुचि थी।

कल्पना को बचपन से ही लंबी दूरी की पैदल यात्रा और पढ़ने के साथ-साथ हवाई जहाज में भी रुचि थी अपने इन्हीं सपनों की उड़ान भरने के लिए कल्पना 1982 में अमेरिका गईं और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री ली। 1995 में कल्पना नासा में अंतरिक्ष यात्री के रूप में सम्मिलित हुई और 1998 में उन्हें अपनी पहली उड़ान के लिए चुना गया।

कल्पना चावला पहली भारतीय महिला थीं जो नासा में अंतरिक्ष यात्री के रूप में सम्मिलित हुईं। अपने पहले मिशन में कल्पना ने 1.04 करोड़ मील दूरी तय कर पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं की और 360 घंटे अंतरिक्ष में बिताए। कल्पना का अंतिम मिशन 2003 में एस टी एस – 107 था जो अंतरिक्ष में विज्ञान और अनुसंधान के लिए समर्पित 16 – दिवसीय मिशन था।

आपदा में मिशन समाप्त होने से पहले छह सदस्यीय कोलंबिया चालक दल ने 80 प्रयोग किए। आज प्राध्यापिका जसनीत कौर और प्रधानाचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने छात्रा सिया, निशा और खुशबू को कल्पना चावला के जीवन और उन की अंतरिक्ष के बारे में रुचि सभी से सांझा करने के लिए अभिनंदन किया।