Faridabad/Alive News : उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से बनाए जा रहे बांध के चलते यमुना का रुख अब हरियाणा की तरफ हो रहा है। जिसका खामियाजा दिल्ली से सटे बसंतपुर वासियों को भुगतना पड़ रहा है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से सोमवार को यमुना में सवा लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया था। जिसके आने के बाद बसन्तपुर कॉलोनी में बाढ़ आ गई है। लोग अपना सामान लेकर सुरक्षित जगह पर जाने को मजबूर है। उत्तर प्रदेश में यमुना किनारे बांध बनने से यमुना नदी अपना रुख बदल बदलकर हरियाणा की तरफ बह रही है।
हरियाणा में यमुना का कुल हिस्सा करीब 70 किलोमीटर है। जिला फ़रीदाबाद ओर जिला पलवल इसमें शामिल है। इसके बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार यमुना किनारे अपनी कई विकास योजनाएं लेकर आ चुका है। जिसमें ताज एक्सप्रेस वे मुख्य योजनाओं में से एक है। जबकि हरियाणा में अभी मास्टर प्लान कागजों तक ही सीमित है। इस वजह से खेत ओर आबादी बाढ़ की चपेट में आ रही है।
किसानों से मिली जानकारी के अनुसार जब उत्तर प्रदेश में यमुना किनारे बांध नहीं बना था तो उस समय सात लाख क्यूसिक तक पानी आता था। पानी उत्तर प्रदेश के खेतों में भी जाता था तो उतना नुकसान नही होता था, मगर अब थोड़ा सा पानी आने पर ही फसल डूब जाती। पिछले 2 साल से किसान पहले सही आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं। ऐसे में फिर फसलों का खराब होना किसान के लिए बहुत बड़ा दुख का कारण है।
किसानों के मुताबिक हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच यमुना सीमा विवाद करीब 50 साल बीत चुके हैं। लेकिन अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं निकला है।आज भी फसल कटाई के दौरान दोनों प्रदेशों के किसान एक-दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं, जबकि मामले को सुलझाने को लेकर कई बार दोनों प्रदेशों के अधिकारियों के बीच पारस्परिक बातचीत करके, राजस्व रिकॉर्ड एवं फिजिक्ल वैरीफिकेशन रिपोर्ट के आधार कार्रवाई की गई। स्तंभ लगाने के आदेश भी दिए गए, लेकिन मामला आज तक जस का तस बना हुआ है। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से जब भी यमुना में पानी छोड़ा जाता है। उस दौरान जिला फरीदाबाद में यमुना के के आसपास बसे गांव कॉलोनियों जैसे अरुआ मोटू का झांसा आदि बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को सरकारी स्कूल और कैंपों में रखा जाता है।