November 24, 2024

हरियाणा पुलिस भर्ती: भर्ती विवाद थमने का नहीं ले रहा नाम, रोज हो रहे है नए खुलासे,कोर्ट पहुंचा मामला

Chandigarh/Alive News: कर्मचारी चयन आयोग द्वारा हरियाणा में पुलिस भर्ती का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इस भर्ती में रोजाना नए रोचक मोड़ आ रहे हैं। ऐसा ही एक रोचक मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पहुंचा है। इस मामले में याची ने आरोप लगाया कि आयोग ने ढाई महीने में उसका कद घटा दिया।

जानकारी के मुताबिक याचिकाकर्ता हिसार निवासी सुमित मोर ने कोर्ट को बताया कि 25 अक्टूबर 2021 जब उसने सब इंस्पेक्टर की भर्ती के लिए शारीरिक मापदंड की परीक्षा थी, उस समय आयोग ने उसका कद 170.02 सेंटीमीटर बताकर हाइट में योग्य करार दिया था, लेकिन अब जब 9 जनवरी 2022 को सिपाही के लिए शारीरिक मापदंड की परीक्षा थी तो उसमें उसका कद 169.1 सेंटीमीटर बता कर उसे अनफिट फार हाइट कहकर रिजेक्ट कर दिया गया।

याची ने कहा कि कैसे ढ़ाई महीने में उसका कद कम हो गया। याचिकाकर्ता ने कहा कि आयोग इस भर्ती में हाई कोर्ट के आदेशानुसार काम नहीं कर रहा। सोनू कुमार बनाम मामले में हाई काेर्ट ने कहा था कि पुलिस या किसी अन्य भर्ती में जहां शारीरिक मापदंड का जिसमें हाइट या छाती की जांच होती है, उसकी जांच के खिलाफ काफी तादाद में हाई कोर्ट में मामले आते है।

हाई कोर्ट चाहता है कि शारीरिक मापदंड के जांच तरीके पर किसी तरह से सवाल न खड़े हो, हाई कोर्ट ने हाइट नापने के लिए चिकित्सा उपकरण स्टैडोमीटर अपनाने का आदेश दिया था, क्योंकि इसका वैज्ञानिक तरीके से सही ऊंचाई का पता चलता है। हाई कोर्ट ने असंतुष्ट उम्मीदवारों को एक महीने के भीतर दोबारा शारीरिक माप परीक्षण के लिए बुलाने का निर्देश दिया था, दूसरी बार में सफल उम्मीदवारों को योग्य मानने के भी सरकार को आदेश दिए थे। याची ने कहा कि आयोग इन आदेश की परवाह नहीं कर रहा।

जब उसे हाइट में अयोग्य करार दिया तो उसने तुरंत आयोग को इस बाबत की जानकारी दी कि ढाई महीने पहले आयोग के अनुसार उसकी हाइट 170.02 सेंटीमीटर थी अब कैसे कम हो गई, लेकिन आयोग ने उसकी एक नहीं सुनी। याची ने शारीरिक माप परीक्षण के परिणाम को रद कर उसको योग्य करार दिए जाने की मांग की। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्मचारी चयन आयोग व डीजीपी हरियाणा को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर इस दौरान कोई चयन किया जाता है तो वह इस याचिका के फैसले पर निर्भर रहेगा।