Faridabad/Alive News : अच्छी पुस्तकों के साथ मित्रता और उनका नियमित स्वाध्याय करना जीवन में सफलता का मूल मंत्र है। विश्व में विज्ञान, कारोबार, अध्यात्म अथवा सार्वजनिक जीवन में कामयाबी के कीर्तिमान स्थापित करने वाली अधिकांश विभूतियों को उनकी अध्ययनशीलता ने आगे बढऩे में सर्वाधिक मदद की। हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष प्रो. वीरेन्द्र सिंह चौहन ने यह टिप्पणी वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय और ग्रंथ अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक परिसंवाद में शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ विमर्श के दौरान की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. संजय शर्मा ने की। अपने संबोधन में प्रो. चौहान ने कहा कि पुस्तकों के प्रति उनका अनुराग और स्वाध्याय स्वभाव ही स्वामी विवेकानंद और शहीद भगत सिंह जैसे महापुरूषों के व्यक्तित्वों को संवारने और शिखर तक पंहुचाने वाला प्रभावी तत्व बना। इसी प्रकार अत्यंत व्यस्त जीवन होने के बावजूद वारेन बफे से लेकर मार्क जुकरबर्ग सरीखी वर्तमान समय की जानी-मानी हस्तियां अच्छी किताबें पढऩे के लिए नियमित रूप से समय निकाल लेती हैं। उन्होंने कहा कि देश में नई पीढ़ी पुस्तकों से और नियमित स्वाध्याय के दूर जा रही है। यह चिंता का विषय है।
प्रो. चौहान ने विद्यार्थियों का आवाहन किया कि वे स्वाध्याय की आदत विकसित करें चूंकि इसके बिना सबल और प्रभावी व्यक्तित्व का निर्माण संभव नहीं। हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष ने कहा कि अकादमी हरियाणा के लोगों में पुस्तकों के प्रति लगाव पैदा करने और भाषाओं के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य के स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान प्रदेश व्यापी अभियान चलाएगी। इस से पूर्व ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष और शिक्षाविद प्रो. चौहान का विश्वविद्यालय परिसर में पंहुचने पर कुलपति प्रो.दिनेश कुमार और कुलसचिव डा. संजय शर्मा ने स्वागत किया। गोष्ठी के अंत में प्रो चौहान ने समसामयिक मसलों पर विद्यार्थियों और शिक्षकों के प्रश्नों के उत्तर दिए। कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता विभाग की समन्वयक दिव्यज्योति ने किया। डा. संदीप ग्रोवर और प्रो. प्रदीप डिमरी ने भी इस अवसर पर अपने विचार प्रकट किए।