Poonam Chauhan/Alive News
फरीदाबाद : एनजीटी द्वारा लगाए गए 5 करोड़ रूपए के जुर्माने के साथ हरियाणा सरकार का दिशा निर्देश न आने से यह तय हो गया कि भाजपा सरकार इस विषय में सख्त नही है। एनजीटी ने डीडीए कर पर 5 लाख और डीपीसीसी पर भी 1 लाख रूपए का जुर्माना इस वजह से लगाया था कि यमुना के किनारे 11 से 13 मार्च तक होने वाले श्रीश्री रविशंकर के सांस्कृतिक महोत्सव को हरि झण्डी प्रदान कर दी जाए।
5 करोड़ रूपए का जुर्माना पर्यावरण की सुरक्षा पर लगाया गया था, गौरलतब है कि इस कार्यक्रम में फरीदाबाद के भी 400 कलाकार प्रस्तुती देने के लिए शामिल हो रहे है। यमुना किनारे होने वाले इस महोत्सव में यमुना नहर की झाडिय़ो को बिल्कुल हटा दिया जाएगा जिससे जेतपुर व मीठापुर में बाढ़ की संम्भावना बढ़ सकती है।
गौरलतब है कि यमुना के हथीन बैराज में जब भी कभी बाढ़ की संभावना बनती है तो बैराज को खोलकर सारा पानी हरियाणा की तरफ दिल्ली सरकार द्वारा बहा दिया जाता है। यह स्थिति हर वर्ष लगातार जारी रहती है, जेतपुर अथवा मीठापुर में दिल्ली सरकार ने बाढ़ से निपटने का कोई भी विकल्प तलाश नहीं किया है। जबकि इन क्षेत्रो में अवैध निर्माण धडल्ले से जारी है। हालात तो यहा तक हो गए है कि दिल्ली की सीमा समाप्त होते ही फरीदाबाद के नेताओं ने सुर्या बिहार सहित कई अनाधिकृत कालोनियों का निर्माण भी कर दिया है।
इसी के साथ-साथ मौजूदा एक अन्य विधायक ने भी अपने विधानसभा क्षेत्र में केवल वोट प्राप्त करने के लिए उन कालोनियों को स्वीकृत करने की ठान ली है जिसे भाजपा सरकार आज तक न मंजूर किए हुए है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि ईनेलो से चुनाव लड़े हुए एक नेता ने तो विजयी बनने के लिए सभी अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने का जिम्मा उठा लिया था, प्रदेश में भाजपा सरकार का गठन नहीं होता तो लगभग यह सम्भव सा दिखाई दे रहा था, उसी के साथ-साथ दिल्ली में भी अगर आप (आम आदमी पार्टी) की सरकार नहीं बनती तो पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने पार्षदों के चुनाव से पूर्व ही इस क्षेत्र को नियमित करने का वायदा कर दिया था।