Chandigarh/Alive News: हरियाणा सरकार ने सांस्कृतिक विद्वानों और साहित्यकारों के लिए सम्मान राशि दो से तीन गुना बढ़ा दी है। राशि बढ़ाने के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने स्वीकृति दी है। इसके अलावा सम्मान की नियमावली में भी फेरबदल किया गया है। सर्वोच्च सम्मान संस्कृत साहित्य अलंकार और हरियाणा गौरव के लिए अब आयु सीमा का बंधन हटा दिया गया है।
छात्रवृत्ति अनुदान और वित्तीय सहायता योजना की राशि में भी कई गुना बढ़ोतरी की गई है। इस साल से ही पुरस्कार के लिए आवेदन करने वालों को यह लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ दिनेश शास्त्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के सम्मान संस्कृत साहित्य अलंकार सम्मान में पहले दो लाख रुपए की राशि मिलती थी, इसमें आप सीधी साढ़े तीन गुना बढ़ाकर सात लाख रुपए मिलेंगे।
इसी तरह हरियाणा संस्कृति गौरव सम्मान की पुरस्कार राशि दो लाख से सीधे ढाई गुना पांच लाख रुपए हो गई है। महर्षि बाल्मीकि और वेद व्यास सम्मान की राशी डेढ़ लाख से ढाई गुना बढ़ाकर तीन लाख रुपए कर दी गई है। ऋषि विश्वामित्र सम्मान में डेढ़ लाख की जगह ढाई लाख आचार्य स्थाणु दत्त सम्मान में अब डेढ़ लाख की जगह दो लाख रुपए मिलेंगे। इसी क्रम में महाकवि बाणभट्ट सम्मान में एक लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए मिलेंगे साहित्य सम्मान राशि पहले ग्यारह लाख रुपए थी जो अब बढ़कर 25 लाख रुपए हो गई है।