Faridabad/Alive News: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि एसवाईएल बनेगी और इसके निर्माण के लिए दोनों राज्य आपसी सहमति पर आएं। लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री और अधिकारी एसवाईएल कैसे बने, इस एजेंडे पर आना ही नहीं चाहते।
वो हमेशा पानी के बंटवारे की बात करते हैं। जबकि पानी के बंटवारे के लिए अलग से ट्रिब्यूनल बनाया हुआ है, यदि पानी के बंटवारे को लेकर कोई बात कहनी है, तो ट्रिब्यूनल के सामने सारी बात रख सकते हैं, जो भी बंटवारा होगा, उस हिसाब से पानी मिलेगा। लेकिन उसके लिए एसवाईएल का बनना जरूरी है।
एसवाईएल के समाधान के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा फॉर्मूला सुझाने के बयान पर मनोहर लाल ने कहा कि यदि अरविंद केजरीवाल के पास कोई फॉर्मूला है, तो वे पजांब के मुख्यमंत्री को बता दें और जब हमारी बैठक होती है तो पंजाब के मुख्यमंत्री सबके सामने उस फॉर्मूला को सुझाएं। यदि फिर भी वे कोई फॉर्मूला बताना चाहते हैं तो वे सुप्रीम कोर्ट को बताएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी की जरूरतों को पूरा करना किसी भी सरकार की प्राथमिकता होती है। हरियाणा दिल्ली को जितना पानी दे रहा है, उसमें से अधिकांश हिस्सा पीने के लिए उपयोग में लाया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हरियाणा सरकार दिल्लीं को उसका पूरा पानी दे रही है।
पटवारियों की हड़ताल के संबंध में पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पटवारी एसोसिएशन के साथ बैठक हुई जिसमे उन्होंने कहा कि पटवारियों की नई भर्ती करने की भी एक मांग थी, जिसे सरकार जल्द ही पूरा करेगी। संयुक्त पात्रता परीक्षा (सीईटी) परीक्षा हो चुकी है, इससे पटवारियों के खाली पदों को जल्द भरा जाएगा।