November 15, 2024

गुरुकुल इन्द्रप्रस्थ का आजादी की लडाई में अहम योगदान: आचार्य ऋषिपाल आर्य

18 व 19 फरवरी को शताब्दी समारोह में हिमांचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शामिल होंगे

Faridabad/ Alive News:  देश की अजादी की लडाई लडने वाले अनेकों क्रान्तिकारियों के लिए बना इन्कलाबी केन्द्र गुरुकुल इन्द्रप्रस्थ, फरीदाबाद 18 व 19 फरवरी को शताब्दी समारोह बड़े धूमधाम से मनाएगा। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में हिमांचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, एम.डी.एच. मसाला के निदेशक धर्मपाल और डी.ए.वी के चेयरमैन प्रधान पूनम सूरी शिरकत करेंगे। वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, वित्त मंत्री हरियाणा कैप्टन अभिमन्यु, उद्योग मंत्री विपुल गोयल, सीपीएस सीमा त्रिखा, एमएलए टेकचन्द शर्मा, एमएलए नगेन्द्र भडाना, एमएलए ललित नागर, सुरेश चन्द्र अग्रवाल, प्रकाश आर्य, धर्मपाल आर्य, विनय आर्य, त्रिलोक चंद शर्मा, डॉ. ओ३म् प्रकाश महाराज आदि गणमान्य भी इस समारोह के साक्षी होंगे।

उपरोक्त जानकारी देते हुए गुरुकुल इन्द्रप्रस्थ के संयोजक आचार्य ऋषिपाल आर्य ने कहा कि गुरुकुल इन्द्रप्रस्थ, फरीदाबाद की स्थापना सन् 1916 में वैदिक संस्कृति के महान मनिषि, महान समाज सुधारक, जाति उद्धारक आर्य संस्कृति के ध्वजवाहक स्वामी श्रद्धानन्द जी ने उस वक्त की थी जब देश गुलामी की दासता के बन्धन से लाचार था, सारा समाज पाखण्ड और कुरीतियों से भरा हुआ था । उस समय तरह-तरह की कुप्रथाऐं समाज को अपंग बनाये हुए थीं और इन सब का कारण था अशिक्षा, तब स्वामी जी ने शिक्षा के प्रचार-प्रसार की पहल की और अनेकों गुरुकुल एवं पाठशालाए खुलवाई, उन्ही में से एक अग्रणी शिक्षा संस्था गुरुकुल इन्द्रप्रस्थ है ।

आचार्य ने बताया कि इस गुरुकुल ने आजादी की लडाई में अहम भूमिका निभाई , जगंल एवं एकांत में होने के कारण ये स्वतन्त्रता सेनानियों की शरण स्थली रही है । देश की आज़ादी की लडाई लडने वाले नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, सरदार भगत सिंह, लाला लाजपत राय जैसे अनेकों क्रान्तिकारियों ने इस गुरुकुल को अपना इन्कलाबी केन्द्र बनाया हुआ था । सुभाषचन्द्र बोस ने अपना अज्ञातवास यही रहकर बिताया था । अग्रेंजी शासन ने इस गुरुकुल पर अनेकों बार छापा-मारी की लेकिन कभी कुछ हाथ नही लगा।

उन्होंने कहा कि क्रान्तिकारियों एवं महापुरुषों की इस ऐतिहासिक धरोहर का शताब्दी समारोह 18 व 19 फरवरी 2017 को बडी धूम-धाम से मनाया जा रहा है । जिसमे 12 से 15 हजार लोगों के शिरकत करने की संभावना है। इस दौरान बलबीर सिंह मलिक, संजय खट्टर, सतीश कौशिक, बालकृष्ण शास्त्री, आचार्य चक्रधर, रमन सिंह शिक्षक और धर्मेश आदि प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से उपस्थित थे।