November 27, 2024

ऑनलाईन ‘एलईपी बुक’ से गुरूजी क्लास रूम में लगाऐंगे तडक़ा

Gurujram/Alive News : लर्निंग एनहान्समेंट प्रोग्राम (एलईपी) की शिक्षण पुस्तिका अब एप पर अपलोड होने जा रही है। प्रोग्राम के तहत इस पुस्तिका को प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों को दिया जाता है, जिसके बाद वे विद्यार्थियों को नए तरीकों से पढ़ाने के लिए इस पुस्तिका का सहारा लेते हैं। राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा डिजाइन की गई इस पुस्तिका को लेकर स्कूलों में काफी क्रेज है लेकिन हर शिक्षक को यह पुस्तक उपलब्ध नहीं हो पाती और शिक्षकों को पुस्तकें शेयर करनी होती हैं। इसी समस्या के समाधान के तौर पर इस पुस्तिका का पीडीएफ फॉर्मेट तैयार किया जा रहा है और जल्द ही यह पुस्तक एप पर उपलब्ध होगी।

क्यों पड़ी जरूरत
एलईपी के तहत शुरुआत में पुस्तकें पर्याप्त नहीं थीं। तकरीबन आधे स्कूलों में पुस्तकें नहीं पहुंचने की शिकायत आने के बाद एससीईआरटी ने इनकी आपूर्ति तो कर दी, लेकिन बावजूद इसके प्रति स्कूल एक ही पुस्तिका उपलब्ध हो सकी। हर शिक्षक तक इस मैटर को पहुंचाने के लिए अब इसे ऑनलाइन किया जा रहा है। एससीईआरटी के प्रोग्राम विशेषज्ञ मनोज कौशिक के मुताबिक इस पुस्तिका का ऑनलाइन फॉर्मेट तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इसे एससीईआरटी के माई ई पुस्तक ऐप पर अपलोड कर दिया जाएगा। इसके बाद हर शिक्षक इसे आसानी से अपने फोन पर पढ़ सकेंगे।

क्या है लर्निंग एनहान्समेंट प्रोग्राम
एलईपी 2016 में शुरू हुआ था जिसके तहत विद्यार्थियों की विषयवस्तु के प्रति समझ के स्तर को बढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। एससीईआरटी के विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को नए-नए तरीकों से पढ़ाने की विधियां बताते हैं। ऐसे में सभी शिक्षकों को पुस्तिकाएं दी जाती हैं ताकि वे उनसे देखकर अलग तरीके से पठन पाठन करवा सकें।

फरवरी अंत तैयार कर लिया जाएगा डिजिटल फॉर्मेट
यह शिक्षण संदर्शिका बनाने का काम एससीईआरटी में तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि फरवरी के अंत तक यह फॉर्मेट मेरी पुस्तक एप पर उपलब्ध हो जाएगा। मनोज कौशिक के मुताबिक कोशिश की जा रही है जल्द से जल्द पीडीएफ रूप में इसे एप पर अपलोड कर दिया जाए। उन्होंने बताया कि फरवरी के अंत तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। शिक्षकों का कहना है कि अगर इस तरह के फॉर्मेट में पुस्तिका उपलब्ध हो गई तो सभी शिक्षकों को इसका एक्सेसस मिल सकेगा। शिक्षक तरुण सुहाग के मुताबिक इस तरह की उपलब्धता से शिक्षकों के लिए आसानी हो जाएगी और इसका पूरा पूरा लाभ विद्यार्थियों को मिल सकेगा।