Faridabad/Alive News: आज के समय में जनसंख्या अधिक होने के कारण प्रकृति संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया जा रहा है। जिसे न केवल प्रकृति पर बुरा असर पड़ रहा है साथ ही आने वाली पीढ़ी के लिए भी कोई प्राकृतिकसंसाधन नहीं बचेंगे। जिसका सबसे ज्यादा बुरा असर शहरी क्षेत्रों पर पड़ने वाला है। ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में अत्यधिक पेड़ों की कटाई, प्रदूषण, व पानी का दोहन किया जा रहा है। जिससे आने वाले समय में सभी चीजों पर महंगाई की दर बढ़ती चली जाएगी और आमजन प्रभावित होगा।
बढ़ते प्रदूषण का कारण : शहरी क्षेत्र औद्योगिक होने के कारण सड़कों पर दिन और रात वाहन निरंतर रूप से चलते रहते हैं। जिसे काफी प्रदूषण बढ़ता है और साथ ही जाम लगने की स्थिति भी पैदा हो जाती हैं। जो आवागमन को काफी प्रभावित करती है। पेड़ों की मात्रा कम होना प्रदूषण के स्तर को बढ़ाती है।
इस प्रदूषण के चलते सबसे ज्यादा बुरा असर प्रकृति पर पड़ रहा है जिनमें सड़क किनारे खड़े वृक्षों के पत्तों ने हरे रंग के ऊपर धूल की भूरी चादर ओढ़ ली है। साथ ही कुछ नदियों का अस्तित्व खत्म हो चुका है। जो नदिया अभी बची हुई है वह बुरी तरह प्रदूषित है।