November 17, 2024

31वें सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय मेले का राज्यपाल ने किया समापन

UP के मोहम्मद मतलुब को ‘बुड कार्विंग’ में मिला सम्मान

Faridabad/Alive News : हरियाणा के महामहिम राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने आज अपने समापन भाषण में फरीदाबाद के सूरजकुण्ड में आयोजित किए गए 31वें सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला के समापन की अधिकारिक घोषणा की। राज्यपाल समापन अवसर व पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर मुख्यातिथि थे। इस अवसर पर झारखण्ड की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू विशिष्ट अतिथि थी।

हरियाणा के पर्यटन मंत्री रामबिलास शर्मा, पर्यटन विभाग की मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा, भागीदार देश मिस्र के राजदूत हेतम तिगलदिन, उजबेकिस्तान दूतावास से राजदूत असलम अकवारोव, किर्गीस्तान दूतावास से राजदूत मैकसवैल रंगा और पर्यटन विभाग से जुडे वरिष्ठ अधिकारी जिनमें झारखण्ड पर्यटन के सचिव राहुल शर्मा, झारखण्ड पर्यटन के निदेशक बाघवारा प्रसाद कृष्णा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। विभिन्न देशों और राज्यों से आए हुए कलाकारों ने आए हुए सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत ढोल-नगाडों के साथ नृत्य करके किया।

हरियाणा पर्यटन के प्रबंध निदेशक तथा सूरजकुण्ड मेला प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक समीरपाल सरो ने मुख्यातिथि तथा आए हुए सभी अतिथियों को गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मेला को सुचारू व सुगत तरीके से आयोजित किया गया और इस बार मेला में कई नई पहलों के साथ कई नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। हरियाणा सरकार के पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी एस कुण्डू, जो सूरजकुण्डू मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी हैं, ने 31वें सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले की रिपोर्ट पढी और मेला में पूरी दुनिया से आए कलाकारों व उनकी कला तथा शिल्प की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि इस बार २२ देशों के २०२ कलाकारों ने भाग लिया जिनमें न्यूजीलेण्ड, बेलारुस, आरमेनिया, दक्षिण अफ्रीका, जिम्बावें, मंगोलिया, कम्बोडिया ने पहली बार मेला में शिरकत की। वीएस कुण्डू ने कहा कि इस साल मेला में १२२९ शिल्पकारों ने भाग लिया और मेला के दौरान चौपाल पर २२४ अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकारों ने अपने-अपने देश का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम डिजीटल इंडिया, बेटी बचाओ-बेटी पढाओ और स्वच्छ भारत अभियान का मेला में अनुसरण किया गया। उन्होंने कहा कि कुरूक्षेत्र का धरोहर संग्रहालय ने हरियाणा के अपना घर में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

हरियाणा के पर्यटन मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि इस मेले में २२ देशों ने भाग लिया जो एक रिकार्ड हैं। शर्मा ने हरियाणा पर्यटन, सूरजकुण्ड मेला प्राधिकरण, भागीदार देश, थीम राज्य, जिला प्रशासन, हरियाणा पुलिस और मीडिया कर्मियों को मेला को सफल बनाने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि मेला में विभिन्न राज्यों से आए हुए कलाकारों, शिल्पकारों द्वारा तैयार किए गए शिल्प व हथकरघा की वस्तुओं को प्रदर्शित करने के लिए यह मेला एक अच्छा मंच प्रदान करता है। झारखण्ड की राज्यपाल श्रीमती द्रोपदी मुर्मूृ ने कहा कि यह झारखण्ड के लिए सम्मानजनक था कि झारखण्ड को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने के लिए सूरजकुण्डू मेला में थीम राज्य के रुप में चुना गया, जिसमें ३५० कलाकारों के साथ-साथ ८७ शिल्पियों ने अपनी कला का मेला में प्रदर्शन किया।

उन्होंने बताया कि झारखण्ड ने इस मेला को यादगार बनाने के लिए एक गेट का निर्माण किया है और इसके अलावा तीन ओर गेट बनाए गए हैं जो झारखण्ड की छटा बिखरते हैं। हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि ३१वें सूरजकुण्डू अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला के सफल आयोजन के लिए हार्दिक धन्यवाद व प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हरियाणा की धरती को महाभारत के नाम से जाना जाता है और सूरजकुण्डू अंतर्राष्ट्रीय मेला के आयोजन से हरियाणा दुनिया के मानचित्र पर एक फिर से छा गया है। यह मेला देशों को आपस में जोडने के लिए एक उपयुक्त मंच हैं और इस मेले ने देशभर के सभी मेलों को पीछे छोड दिया हैं। इसके पश्चात, उन्होंने ३१वें सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में ज्यूरी द्वारा चुने गए सर्वश्रेष्ठ शिल्पियों को पुरस्कृत किया। ३१वें सूरजकुण्ड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में दिए गए शिल्पियों को पुरस्कार इस प्रकार से हैं:-

राज्यपाल ने परम्परागत श्रेणी में उतर प्रदेश के मोहम्मद मतलुब को बुड कार्विंग के लिए पुरस्कृत किया, जिनका स्टाल नंबर- १२२१ हैं।
उन्होंने कला रत्न श्रेणी में ओडिसा के निरंजन मोहराना को पटाचित्रा कला के लिए पुरस्कृत किया जिनका स्टाल नंबर-१०४० हैं।
राज्यपाल ने कलामणि श्रेणी में राजस्थान के श्री लक्ष्मी लाल कुमहार को टेरोकोटा के लिए परस्कृत किया जिनका स्टाल नंबर-१२२४ हैं, छतीसगढ के श्री भुवनेशवर को साडी डे्रस मैटिरियल के लिए पुरस्कृत किया जिनका स्टाल नंबर-७६२ हैं। स्टाल नंबर-१०२२ छतीसगढ के श्री ढाणीराम झोरक को ढोकरा आर्ट, स्टाल नंबर-१२१६ राजस्थान के श्री रुप किशोर सोनी को सिल्वर एन्ग्रेविंग, स्टाल नंबर-११०३ कर्नाटका के श्री एस. मनोहर को लैदर पपेट तथा स्टाल नंबर-१२१४ उतर प्रदेश के श्री गोदावरी सिंह को बुडन खिलौनों के लिए कलामणि पुरस्कार से पुरस्कृत किया।
प्रो. सोलंकी ने कलानिधि श्रेणी में पांच पुरस्कार दिए जिनमें स्टाल नंबर-१६२ झारखण्ड के श्री मुंगल महाली को बैंबू के लिए, स्टाल नंबर-११८२ वेस्ट बंगाल के श्री कोहोकोन नांदी को झमदानी साडी के लिए, स्टाल नंबर-एफसी १४ सिरिया के श्री हलालकीनेया को बुड तथा टैकसटाइल के लिए, स्टाल नंबर- एफसी २४ नेपाल के श्री तेज नारायण राम को शॉल के लिए तथा स्टाल नंबर-१२२९ तेलंगाना के श्री मोहम्मद गुलाम को कॉटन दरी के लिए पुरस्कृत किया गया।