एचयूजे ने गौरी लंकेश की हत्या पर आयोजित की शोक सभा
Faridabad/Alive News : बीती 5 सितंबर 2017 की रात लगभग 8 बजे बंगलूरू स्थित प्रख्यात महिला पत्रकार गौरी लंकेश की अज्ञात हत्यारों ने गोली मार कर हत्या कर दी। इस हत्या कांड से देश का समूचा बुद्धिजीवी वर्ग न केवल सहम गया है, बल्कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति भी $खासा चिंतित जताई है। माना यह भी जा रहा कि महिला पत्रकार गौरी शंकर की हत्या एक साजिश, वामपंथी और दक्षिणपंथी विचारधारों के आपसी विरोध का परिणाम है, क्योंकि इस हत्याकांड के बाद पूरे देश के विभिन्न शहरों में प्रशासन की कार्यशैली, विचारधारा को लेकर बुद्धिजीवी वर्ग और पत्रकारों के प्रति पक्षपात पूर्ण रवैय को लेकर गहरा रोष है। ऐसे में बड़ा सवाल निष्पक्ष पत्रकारिता स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर खड़ा होता है।
दिवंगत् महिला पत्रकार गौरी लंकेश की निर्मम हत्या पर शोक व्यक्त करने हेतु वीरवार को हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के एन.एच.-5 नीलम चौक स्थित जि़ला ईकाई कार्यालय पर एक विशेष बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में वरिष्ठ पत्रकार आर.के यादव, अरूण चन्देल, रमेश कुमार, पूनम चौहान, सफी सिद्दकी, पंकज, रोहित अग्रवाल इत्यादि पत्रकार उपस्थित रहे। बैठक में दिवंग्त आत्मा को शोक श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
बैठक में पत्रकार जे.बी.शर्मा ने विश्व के सबसे पहले राजनीति विशेषज्ञ अरस्तु का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी पुस्तक ‘पॉलिटिक्स’ में लिखा है कि किसी भी देश की सरकार उस देश का संविधान होती है न कि जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि। अत: देश की जनता को अपने संविधान की सुरक्षा के लिए देशहित में काम करने वाले प्रतिनिधियों को चुनना चाहिए। ब्रिटिश शासन में जिस प्रकार गोरों ने देश को बांट कर राज किया था उसी प्रकार आज के तथाकथित राजनैतिक दल और तथाकथित राजनेता देश-समाज को कई कारणों से कमज़ोर कर रहे हंै।
वहीं हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के जिलाध्यक्ष दीपक शर्मा व जिला महामंत्री तिलक राज शर्मा ने अपने संयुक्त वक्तव्य में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर चिन्ता व्यक्त की और कहा कि अब समय आ गया है प्रत्येक राज्य सरकार को अपने यहां पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी तथा पत्रकार सुरक्षा कानून को कड़ाई से लागूू करना होगा। तभी लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाने वाला पत्रकार सुरक्षित होगा और संजीदा रूप से समाज को सेवाएं दे पाएगा। वहीं एचयूजे फरीदाबाद की ईकाई की बैठक में निर्णय लिया गया कि संस्था के पदाधिकारियों एवं सभी पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन शीघ्र ही जिला उपायुक्त को दिया जाए।