New Delhi/Alive News: देश में पुरानी पेंशन योजना की मांग कई राज्यों में जोर पकड़ती नजर आ रही है। बंगाल में पहले से ही पुरानी पेंशन योजना लागू है। पंजाब झारखंड और छत्तीसगढ़ सहित राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है।
इसी बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी द्वारा कुछ राज्यों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू किए जाने पर भारी चिंता जताई गई है। नीति आयोग की तरफ से लगातार इस मामले में आपत्ति उठाई जा रही है। नीति आयोग ने राज्य सरकारों को लगातार आपत्ति भेजने का कार्य किया है। जिस पर अब सवाल उठाया कि क्या राजस्थान में एक बार फिर से पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया जाएगा।
दरअसल, राजस्थान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के साथ ही पीएफआरडीए में जमा कर्मचारियों के पेंशन के आंशिक भाग की मांग की गई थी। हालांकि पीएफआरडीए द्वारा स्पष्ट किया जा चुका है कि यह पैसा कर्मचारियों का कर्मचारियों को ही दिया जाएगा। ऐसे में सवाल यह है कि केंद्र सरकार की तरफ से यदि पैसा नहीं दिया जाता है तो राज्य द्वारा पुरानी पेंशन योजना पर खर्च होने वाली रकम की व्यवस्था कहां करेगा। इतना ही नहीं नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार की तरफ से उठाए गए इस कदम से भविष्य में टैक्सपेयर पर बड़ा बोझ देखने को मिलेगा।
असमंजस की स्थिति
राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने के बाद भी स्थिति असमंजस में है। इस योजना को लागू करने पर राज्य में सालाना 41 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ेगा। राजस्थान सरकार द्वारा मार्च में पुरानी पेंशन योजना को लेकर घोषणा की गई थी। हालांकि वित्त मंत्रालय द्वारा इसे अनुशासनहीनता करार दिया गया था।