New Delhi/Alive News: केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए गन्ने के दाम में 15 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। गन्ना किसानों को चीनी मिलें अब 305 रुपये प्रति क्विंटल का भाव देंगी। सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की मीटिंग में 15 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने का फैसला किया। इसे 2022-23 के लिए बढ़ाया गया है। इस फैसले से 5 करोड़ गन्ना किसानों और उन पर निर्भर रहने वालों को फायदा होगा। साथ ही इस क्षेत्र और चीनी मिल में काम कर रहे 5 लाख कामगारों को भी फायदा होगा। गन्ने का पेराई सत्र अक्तूबर से शुरू होता है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने इस पर फैसला लिया। 2022-23 के लिए गन्ने की उत्पादन लागत 162 रुपये प्रति क्विंटल रही है। गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है। सरकार की ओर से कहा गया है कि 8 साल में एफआरपी में 34 फीसदी से ज्यादा की बढ़त हुई है। चीनी की कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए सरकार ने प्रति किलो चीनी की कीमत 31 रुपये निर्धारित किया है।
18 हजार करोड़ की मदद
जानकारी के मुताबिक चीनी के निर्यात की सुविधा और बफर स्टॉक बनाए रखने, इथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने व किसानों के बकाया की निकासी के लिए चीनी मिलों को 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय मदद दी गई है। चालू सीजन में मिलों ने 1.15 लाख करोड़ रुपये का 3,530 लाख टन गन्ना खरीदा है। 2022-23 में 3,600 लाख टन से ज्यादा गन्ना खरीदी की उम्मीद है। इस की कीमत 1.20 लाख करोड़ रुपये हो सकती है।
92,710 करोड़ रुपये का भुगतान
मंत्रालय ने कहा पिछले पेराई सत्र में लगभग 92,938 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य बकाया था, जिसमें से 92,710 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। अब केवल 228 करोड़ रुपये बाकी है। 2021-22 में 1.15 लाख करोड़ रुपये के बकाये में से एक अगस्त तक किसानों को 1.05 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।