New Delhi/ Alive News : मोदी सरकार के लिए दिवाली से पहले आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर आई है. एक चैनल के अनुसार थोक महंगाई दर सितंबर महीने में 2.6 फीसदी हुई है. अगस्त में यह 3.24 फीसदी के स्तर पर थी. इससे पहले सरकार को औद्योगिक उत्पादन के मामले में भी अच्छी खबर मिल चुकी है.
बढ़ती महंगाई से राहत की उम्मीद
थोक महंगाई दर में कमी आने से सब्जियों और अन्य उत्पादों के बढ़ते दामों से भी राहत मिलने की उम्मीद है. दरअसल फल, सब्जियां और चीनी के दामों में अभी भी बढ़ रहे हैं. ऐसे में थोक महंगाई दर के आंकड़े राहत देने वाले साबित हो सकते हैं.
खुदरा महंगाई दर स्थिर
महंगाई के मोर्चे पर भी आम आदमी को सितंबर के दौरान कुछ राहत मिली है. खुदरा महंगाई दर सितंबर में अगस्त के 3.28 फीसदी के स्तर पर ही बनी रही. सितंबर के दौरान दालों के दाम में भी कमी आई है. इनके दाम 22 फीसदी से ज्यादा घटे.
औद्योगिक उत्पादन
अगस्त में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 9 महीने के उच्च स्तर 4.3 फीसदी पर पहुंच गई. जबकि सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर 3.28 फीसदी पर बरकरार रही। इस दौरान खाद्य महंगाई 1.52 फीसदी से घटकर 1.25 फीसदी पर आ गई। जून में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) चार साल के निचले स्तर 0.1 फीसदी पर आ गया था जबकि जुलाई में यह 0.9 फीसदी रहा।
त्योहारी सीजन का असर
औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि में त्योहारी सीजन ने अहम भूमिका निभाई है. त्योहारी सीजन में अलग-अलग उत्पादों की मांग को देखते हुए उत्पादन के आंकड़े बेहतर स्थिति में हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक त्यौहारों की वजह से सितम्बर और अक्टूबर माह में औद्योगिक विकास दर और बेहतर रहने की उम्मीद है. इस दौरान लोग बड़े स्तर पर खरीदार करते हैं. इससे औद्योगिक उत्पादन दर बेहतर रहेगी.
क्या होता है थोक मूल्य सूचकांक
थोक मूल्य सूचकांक को आधार मान कर ही भारत में महंगाई दर की गणना की जाती है. थोक मूल्य सूचकांक के लिये एक आधार वर्ष होता है। निर्धारित वस्तुओं का एक समूह होता है, जिनके औसत मूल्य में हुए उतार-चढ़ाव ही सूचकांक को निर्धारित करता है.