Ahmedabad/Alive News : गुजरात में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी गुजरात विधानसभा चुनाव की विजेता है, फिर चाहे वह राज्य में भाजपा को हराने में कामयाब नहीं भी रहे. एक चैनल के अनुसार गहलोत ने कहा, “भाजपा (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने भावात्मक मुद्दों पर चुनाव लड़ा. मोदी ने मतदाताओं से कहा कि वह गुजरात के बेटे हैं. उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है.”
उन्होंने बताया, “लेकिन कांग्रेस ने वास्तविक चुनाव अभियान किया और किसानों, दलितों, जनजातियों और व्यापारियों से संबंधित मुद्दों पर बात की. हमने लोगों से बात करने के बाद गुजरात के लोगों के लिए अपने घोषणापत्र को औपचारिक रूप दिया.”
यह पूछे जाने पर कि क्या गुजरात में जीत या हार का श्रेय पार्टी के नए अध्यक्ष राहुल गांधी को दिया जाएगा? इसके जवाब में गहलोत ने कहा कि यह काल्पनिक सवाल है.
उन्होंने कहा, “काल्पनिक बातें नहीं करें. जो भी चुनाव परिणाम होंगे, कांग्रेस और राहुल गांधी ही असली विजेता हैं.”
गौरतलब है कि गुजरात चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिष्ठा का विषय है और कांग्रेस के नये अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए अग्निपरीक्षा है. गुजरात में जहां भाजपा छठी बार सत्ता में आने का प्रयास कर रही है, वहीं कांग्रेस दो दशक बाद गुजरात की सत्ता पर काबिज होने की कोशिश में है.
कड़ी सुरक्षा के बीच राज्य के 33 जिलों में 37 मतगणना केन्द्रों पर वोटों की गिनती हो रही है. प्रदेश विधानसभा की कुल 182 सीटों के लिए 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में हुए मतदान में 1,828 प्रत्याशियों की चुनावी किस्मत दांव पर लगी है.
बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी बड़ी जीत की ओर बढ़ती दिख रही है. बीजेपी के रुझानों में बहुमत मिल गया है. जबकि कांग्रेस पार्टी 76 सीटों पर सिमट गई है. गुजरात विधानसभा की 182 सीटों पर वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है. शुरुआती में 182 सीटों के रुझान आ चुके हैं. बीजेपी 105 और कांग्रेस 71 सीट पर आगे है. 6 सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार आगे है. गुजरात के सीएम विजय रूपाणी राजकोट पश्चिम सीट से चुनाव जीत गए है. कांग्रेस के नेता अर्जुन मोढवाडिया बीजेपी के बाबूभाई बोखारिया से हार गए है. दलित नेता जिग्नेश मेवाणी जीत चुके हैं.
इन सीटों के आए नतीजे :
अहमदाबाद की एलिसब्रिज सीट से पहला नतीजा आया है. इस सीट से हमेशा बीजेपी जीतती आई है इस बार यहां से बीजेपी के प्रत्याशी राकेश शाह ने जीत दर्ज की है.
अहमदाबाद की जमालपुर खड़िया सीट से कांग्रेस के इमरान ने जीत दर्ज की है.
अकोता से बीजेपी की सीमाबेन मोहिले जीतीं
राजकोट वेस्ट से सीएम विजय रूपाणी जीते
घाटलोडिया से बीजेपी उम्मीदवार भूपेंद्र पटेल जीते
गोंडल सीट से बीजेपी की गीताबा जाड़ेजा
असरवा से बीजेपी प्रदीप भाई परमार जीते
गणदेवी सीट से बीजेपी के नरेशभाई पटेल जीते
झलोद से कांग्रेस उम्मीदवार भावेशभाई काटारा जीते
मांजरपुल सीट से बीजेपी के योगेश पटेल जीते
करंज सीट से बीजेपी उम्मीदवार जीते
मणिनगर सीट से बीजेपी के सुरेशभाई पटेल जीते
नारणपुरा से बीजेपी के कौशिक भाई पटेल जीते
जामगनर दक्षिण से बीजेपी रणछोड़ा भाई फालदू जीते
निकोल सीट से बीजेपी के जगदीश पांचाल जीते
मांडवी सीट से कांग्रेस के आनंदभाई चौधरी जीते
लिमखेड़ा सीट से बीजेपी के शैलेश भाई भामर जीते
ओलपाड सीट से बीजेपी के मुकेश पटेल जीते
वलसाड की पारडी से बीजेपी के कनुभाई देसाई जीते
सूरत पश्चिम सीट से बीजेपी के पूर्णेश मोदी जीते
सावली सीटे से बीजेपी के केतनभाई इनामदार जीते
पोरबंदर सीट से बीजेपी के बाबूभाई बोखारिया ने कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया को 1855 वोट से हराया
कलोल सीट से बीजेपी की सुमनबेन चौहान जीतीं
वलसाड से बीजेपी के भरतभाई पटेल जीते
उधना सीट से बीजेपी के विवेक पटेल जीते
शेहरा से बीजेपी के जेठाभाई अहीर जीते
नाडियाड सीट से बीजेपी के पंकजभाई देसाई जीते
वेजलपुर सीट से बीजेपी के प्रत्याशी जीते
सोमनाथ में कांग्रेस प्रत्याशी जीत दर्ज की है
गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव जहां पीएम मोदी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न हैं तो वहीं कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष राहुल गांधी की यह सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा हैं. इस बार के गुजरात चुनाव को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है. लेकिन 22 साल से राज्य की सत्ता पर काबिज इस पार्टी को कई तरह के सामाजिक समीकरणों के चलते विरोध का सामना करना पड़ा था. बीजेपी के खिलाफ जाति आधारित समीकरण बैठाने की जुगत में कांग्रेस ने हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और मेवाणी का सहारा लिया है जो पाटीदारों, अन्य पिछड़ा वर्ग और दलितों की ओर से युवा तुर्क बनकर उभरे हैं.
22 वर्षों से गुजरात में बीजेपी का राज
गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीटें हैं. वर्ष 1995 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 121 और कांग्रेस को 45 सीटें मिली थीं. वर्ष 1995 में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला था, लेकिन उस वक्त बीजेपी के दो बड़े नेताओं शंकर सिंह वघेला और केशू भाई पटेल के मतभेदों की वजह से सरकार नहीं चल पाई.
और 1998 में विधानसभा चुनाव हुए जिनमें बीजेपी को 117 सीटें मिली और कांग्रेस को 53 सीटें मिलीं. यानी कांग्रेस की सीटों में इज़ाफ़ा हुआ और बीजेपी की सीटों में कमी आई. हालांकि सरकार बीजेपी की ही बनी और केशू भाई पटेल मुख्यमंत्री बनाए गए. लेकिन वर्ष 2001 में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने केशू भाई पटेल की जगह नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री बना दिया.
इसके बाद वर्ष 2002 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 127 और कांग्रेस को 51 सीटें मिलीं. ये अब तक हुए चुनावों में बीजेपी का सबसे अच्छा प्रदर्शन था. वर्ष 2002 के बाद 2007 में विधानसभा चुनाव हुए. वर्ष 2007 में बीजेपी को 117 और कांग्रेस को 59 सीटें मिलीं. आप देख सकते हैं कि वर्ष 2002 के मुकाबले वर्ष 2007 में बीजेपी की 10 सीटें घट गईं और कांग्रेस की 8 सीटें बढ़ गईं.
इसके बाद वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव हुए. इन चुनावों में भीइसके बाद वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव हुए. इन चुनावों में भी सरकार बीजेपी की ही बनी. लेकिन इस बार भी बीजेपी की सीटें कम हुईं और कांग्रेस की सीटें बढ़ गईं. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 115 और कांग्रेस को 61 सीटें मिलीं. यानी बीजेपी की 2 सीटें घट गईँ और कांग्रेस की 2 सीटें बढ़ गईँ.