November 18, 2024

पूर्व कुलपति प्रो. दिनेश कुमार को जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने दिया सम्मान

Faridabad/Alive News: जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने पूर्व कुलपति प्रो दिनेश कुमार को विश्वविद्यालय के समग्र विकास में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया। विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित सम्मान समारोह की अध्यक्षता कुलपति श्री राज नेहरू ने की।

विश्वविद्यालय के पांचवें कुलपति के रूप में छह वर्षों तक सेवाएं देने के उपरांत प्रो. दिनेश कुमार का कार्यकाल 3 नवंबर, 2021 को समाप्त हो गया था। उन्होंने अपने मूल संस्थान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर के रूप में दोबारा कार्यभार संभाल लिया है। कुलपति के रूप में प्रो. दिनेश कुमार का कार्यकाल उल्लेखनीय रहा। उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने नैक एवं एनबीए मान्यता तथा राष्ट्रीय स्तर पर एनआईआरएफ रैंकिंग में उपस्थिति दर्ज करवाने के साथ-साथ अनेकों उपलब्धियां हासिल कीं। इस दौरान विश्वविद्यालय को संबद्धता विश्वविद्यालय का दर्जा भी मिला, विश्वविद्यालय में कई ढांचागत सुविधाएं विकसित हुई और राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के दूसरे परिसर के लिए भूमि आवंटित किया गया।

प्रो. दिनेश कुमार, जो पत्नी प्रो. रंजना अग्रवाल के साथ पहुंचे थे, का कुलपति श्री राज नेहरू और कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग द्वारा विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षण एवं गैर शिक्षण सदस्यों की ओर गर्मजोशी से स्वागत और अभिनंदन किया गया। प्रो. दिनेश कुमार की नेतृत्व क्षमता एवं दृष्टिकोण की प्रशंसा करते हुए श्री राज नेहरू ने कहा कि चरित्र, क्षमता और साहस ऐसे गुण हैं जो प्रो. दिनेश कुमार के व्यक्तित्व को अलग पहचान देते है और परिणाम उन्मुख व्यक्ति बनाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रो. कुमार ने विश्वविद्यालय के विकास में अद्वितीय योगदान दिया है और उनकी जगह लेना किसी के लिए भी मुश्किल होगा। विश्वविद्यालय में उन्हें उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि प्रो. दिनेश कुमार की अधूरी परियोजनाओं को आगे बढ़ना उनकी प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने प्रो. दिनेश कुमार को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. दिनेश कुमार ने राज्यपाल-कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय एवं मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल सहित कई व्यक्तियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सभी ने विश्वविद्यालय के विकास में सहयोग प्रदान किया है। प्रो. दिनेश कुमार ने कहा, ‘मैंने कभी कुलपति बनने के बारे में नहीं सोचा था क्योंकि मेरा कभी भी कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं रहा। यह वर्तमान सरकार थी जिसने मुझ पर भरोसा जताया और मुझे विश्वविद्यालय की सेवा करने का अवसर और जिम्मेदारी दी।

मैंने पूरी तन्मयता से काम किया और हमेशा सरकार की अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास किया। विश्वविद्यालय की सफलता का श्रेय शिक्षकों और कर्मचारियों को देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को आगे ले जाने में सभी ने अपनी भूमिका निभाई है।
अपने अनुभव को साझा करते हुए प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि जब वे विश्वविद्यालय के कुलपति बने तो विश्वविद्यालय के बारे में लोगों की धारणा इंजीनियरिंग कॉलेज से ज्यादा कुछ नहीं थी। उन्होंने कहा कि अब धारणा बदल गई है और आज विश्वविद्यालय को एक शोध विश्वविद्यालय के रूप में पहचान मिल रही है जिसे वे अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं।

प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के लिए उनका सपना रहा है कि यह विश्वविद्यालय संस्थागत रैंकिंग में शीर्ष 100 रैंक में आएगा। अभी तक, हम हरियाणा में एक अग्रणी विश्वविद्यालय हैं, और मेरा मानना है कि हम भारत में शीर्ष रैंक हासिल कर सकते हैं और साथ ही अगले कुछ वर्षों में विश्व रैंकिंग में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं, अगर हम मौजूदा गति को बनाए रखते हैं। प्रो. कुमार ने कहा कि एक छोटे से परिसर के बावजूद, विश्वविद्यालय ने वर्टिकल दिशा में विकास की पहल की। आज यह एक छोटा विश्वविद्यालय नहीं रहा है। विश्वविद्यालय में एक स्थापित विश्वविद्यालय के बराबर निर्मित क्षेत्र विकसित हो गया है।

इस अवसर पर संकाय और स्टाफ के सदस्यों ने कुलपति के रूप में प्रो. दिनेश कुमार के साथ अपने अनुभव साझा किए और उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और बुनियादी ढांचे के विकास में प्रो. दिनेश कुमार के योगदान को दर्शाने वाली एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।

समारोह को कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग, प्रो. तिलक राज, प्रो. एम.एल. अग्रवाल, प्रो कोमल भाटिया, प्रो अतुल मिश्रा, डॉ राजीव सिंह, उप कुलसचिव डॉ मेहा शर्मा और प्रो रंजना अग्रवाल ने भी संबोधित किया और प्रो दिनेश कुमार के साथ अपने अनुभव साझा किए। इस समारोह में सभी संकाय सदस्य और कर्मचारी सम्मिलित हुए।