घर बनाते समय वास्तु शास्त्र का विशेष ख्याल रखा जाता है। इसके तहत घर के सभी हिस्सों का निर्माण कराया जाता है। हालांकि, कई लोग घर बनाते समय वास्तु का ख्याल रखते हैं, लेकिन लिविंग रूम को भूल जाते हैं। वास्तु जानकारों की मानें घर निर्माण के बाद लिविंग रूम की सजावट वास्तु अनुसार करनी चाहिए। इससे लिविंग में पॉजिटिव एनर्जी आती है। लापरवाही बरतने पर घर में वाद-विवाद और क्लेश होता रहता है। अगर आप भी लिविंग रूम की नेगटिव एनर्जी को दूर करना चाहते हैं, तो ये वास्तु टिप्स जरूर फॉलो करें।
खिड़कियांः वास्तु जानकारों की मानें तो लिविंग रूम में सबसे ज्यादा खिड़कियां होनी चाहिए। इससे लिविंग रूम में सकारात्मक शक्ति का संचरण होता है। आप जब कभी लिविंग रूम का निर्माण करवाएं, तो लिविंग रूम में अधिक खिड़कियां दिलवाएं। अन्य कमरों की तरह लिविंग रूम नहीं होना चाहिए। लिविंग रूम सबसे बड़ा होना चाहिए।
तस्वीरः लिविंग रूम में कभी भी रोने, दुःख, क्लेश से संबंधित तस्वीर न लगाएं। इससे घर में नकारात्मक शक्ति आती है।
टीवीः लिविंग रूम में बिजली से चलने वाली उपकरणों को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाएं। आप इस दिशा में रेक यानी आलमीरा बनवा सकते हैं। साथ ही दक्षिण की दीवार पर टीवी लगाएं।
फर्नीचरः लिविंग रूम में फर्नीचर यानी टेबल और कुर्सी की ऐसी व्यवस्था करें कि आने-जाने में कोई परेशानी न हो। वहीं, लिविंग रूम उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता है। इन वास्तु टिप्स को जरूर फॉलो करें।
दीया: घर से नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिए रोजाना शाम में दिया या मोमबत्ती जरूर जलाएं। आप पूजा घर या मेडिटेशन स्पॉट पर जला सकते हैं।
प्राकृतिक फूलः लिविंग रूम में फूल जरूर लगाएं। बनावटी फूलों के बदले में प्राकृतिक फूल लगाएं। साथ ही दिवारों और छत के कलर्स अलग रहना चाहिए। आसान शब्दों में कहें तो दिवार और छत का रंग अलग हो।
नोटः इस लेख में निहित किसी भी जानकारी या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’