Alive News : थलसेना की सैन्य पुलिस में महिलाओं को शामिल करने की योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल अश्वनी कुमार ने शुक्रवार को कहा कि महिलाओं की आर्मी में एंट्री कॉर्प रैंक से कराई जाएगी। वहीं उन्होंने बताया कि आर्मी में 800 महिलाओं को प्रवेश कराया जाएगा जिसके तहत हर साल 52 महिलाओं को प्रवेश दिया जाएगा।
इसे बल में लिंग समानता के दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। महिलाओं को सैन्य पुलिस में शामिल करने की प्रक्रिया अगले साल से शुरू होने की उम्मीद है। थलसेना के एडजुटेंट लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार ने पत्रकारों को बताया कि इस फैसले को थलसेना में लैंगिक बाधाओं को तोड़ने की दिशा में एक अहम कदम के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सैन्य पुलिस में करीब 800 महिलाओं को शामिल किया जाएगा, जिनमें 52 महिला जवानों को हर साल शामिल करने की योजना है।
जून में एक इंटरव्यू में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि सेना महिला जवानों को शामिल करने पर विचार कर रही है और इस प्रक्रिया की शुरुआत महिलाओं को सैन्य पुलिस कोर में शामिल करने से होगी। एडजुटेंट लेफ्टिनेंट जनरल कुमार ने कहा कि सैन्य पुलिस कोर में महिलाओं को शामिल करने के फैसले से लैंगिक अपराधों के आरोपों की जांच करने में मदद मिलेगी।
अभी महिलाओं को सेना की मेडिकल, कानूनी, शैक्षणिक, सिग्नल एवं इंजीनियरिंग जैसी चुनिंदा शाखाओं में काम करने की इजाजत दी जाती है। सैन्य पुलिस की भूमिका में छावनियों और सेना की इकाइयों की पुलिसिंग, सैनिकों की ओर से नियम-कायदों के उल्लंघन को रोकना और शांति एवं युद्ध के दौरान व्यवस्था से जुड़े इंतजाम करने सहित कई अन्य जिम्मेदारियां शामिल हैं।
सेना में महिलाए
– 1992 में सेना में पहली बार नॉन मेडिकल अधिकारी के रूप में महिलाओं को शामिल किया गया था।
– 2015 में वायुसेना में लड़ाकू विमान के पायलट के रूप में महिलाओं की नियुक्ति के रास्ते खुले। इससे पहले वायुसेना में महिलाओं की नियुक्ति हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में होती थी।
– सेना में अभी 8960 महिला अधिकारी हैं। यह कुल संख्या का 5.4 फीसदी है। इनमें आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विस व सैन्य नर्सिंग सेवा भी शामिल है।
– आर्मी में 1528, एयरफोर्स में 1581, नेवी में 469, मेडिकल में 1288 तथा नर्सिंग में 4994 महिला अधिकारी हैं।