Faridabad/Alive News : कृषि व्यवसाय में आ रही निरंतर आधुनिकता के चलते किसान बेहतर फसलों के लिए विभिन्न प्रकार की खादों एवं स्प्रों का उपयोग करके अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए प्रयासरत है परंतु अधिक लाभ के चक्कर में इन जहरीले कैमिकलों का प्रयोग करके वह न केवल अपने बल्कि लोगों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ करने में लगे हुए है, जबकि दूसरी तरफ फरीदाबाद के गांव अरुआ निवासी किसान महेंद्र शर्मा बिना स्प्रे एवं दवाईयों के जहरमुक्त जैविक खेती को अपनाकर अच्छी फसलें उगाकर एक मिसाल बने हुए है। वर्ष 2012 से जैविक खेती करने में जुटे महेंद्र शर्मा का मानना है कि दवाईयों, यूरिया एवं स्प्रे से फसलों के गुण खत्म हो जाते है, यही कारण है कि आज गेहूं, चावल, बाजरा, मक्का सहित अन्य प्रकार की सब्जियां खाकर भी लोग बेहतर स्वास्थ्य नहीं हासिल कर पा रहे, जो किसी समय में लोगों को मिलता था।
शर्मा का मानना है कि ‘शुद्ध करोंगे भोजन तो अच्छा रहेगा मन’ ‘अच्छा पीयोगे पानी तो बेहतर होगी वाणी’, ‘अच्छा लोगे आहार, आएंगे अच्छे विचार’ इसलिए उन्होंने जैविक खेती की ओर रुख किया और हाल ही में उन्होंने आधे एकड़ में मूली की फसल बोई और उसे करीब 30 हजार रुपए में बेचा। पंतजलि किसान पंचायत के तहसील प्रभारी महेंद्र शर्मा का कहना है कि जैविक खेती करने की प्रेरणा उन्हें गांव में आयोजित एक किसान संगोष्ठी में मिली। उस संगोष्ठी में यूरिया, स्प्रे व दवाईयों के प्रयोग से होने वाली हानि के चलते उन्होंने यह निर्णय किया कि चाहे कुछ हो जाए, वह जहरमुक्त खेती करेंगे और लोगों को भी इसके प्रति जागरुक करेंगे। उन्होंने बताया कि देश का सिक्किम ऐसा राज्य है, जहां जैविक खेती की जा रही है और वह चाहते है कि फरीदाबाद के साथ-साथ पूरे हरियाणा के किसान जैविक खेती की तकनीक अपनाए और जहरमुक्त खेती करें। उन्होंने बताया कि एक गऊमाता अपने घर में रखकर किसान 15 एकड़ में जैविक खेती कर सकता है। उन्होंने बताया कि वह फसलों की नराई के लिए भी हल का प्रयोग करते है ताकि फसल पूरी तरह से प्राकृतिक हो।
कई किसानों को जैविक खेती के लिए किया तैयार
42 वर्षीय किसान महेंद्र शर्मा का कहना है कि पंतजलि किसान पंचायत के तहसील प्रभारी अध्यक्ष राजेश भाटी, गांव डींग के रामचरण एवं कौराली गांव के अजीत भी उनकी देखा देखी जैविक खेती के प्रति जागरुक हुए है और वह भी इसी तकनीक से खेती कर रहे है। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में भी कई किसान यह तकनीक अपनाने के लिए मन बनाए हुए है।
डीडी-किसान चैनल कारगर किसान महेंद्र शर्मा का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के लिए शुरु किए गए डीडी-किसान चैनल से किसानों में नए युग का सूत्रपात हुआ है। इस चैनल में जाने का उन्हें भी अवसर मिलता और उन्होंने भी जैविक खेती के लाभों के प्रति किसानों को जागरुक किया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस चैनल के माध्यम से किसानों को विभिन्न फसलों की बेहतर तकनीक एवं किसान विशेषज्ञों की राय दी जाती है, जिससे किसानों को काफी लाभ मिलता है। प्रदेश सरकार को बढ़ाना होगा मनोबलकिसान महेंद्र शर्मा का कहना है कि जैविक खेती परंपरागत खेती है और इसे बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार को भी प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि वह पिछले छह वर्षाे से जैविक खेती कर रहे है और अन्य किसानों को भी इस तकनीक के प्रति प्रेरित कर रहे है। ऐसे में मनोहर लाल सरकार को चाहिए कि वह उन जैसे किसानों को प्रोत्साहित करें ताकि जहरमुक्त खेती को बढ़ावा दिया जा सके और किसान इस खेती को करने के लिए उत्साहित हो सके।