Faridabad/Alive News: फरीदाबाद में बुधवार को एक्यूआई काफी ज्यादा गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। एक्यूआईसीएन (aqicn) के मुताबिक, फरीदाबाद में सुबह करीब 7 बजे का एक्यूआई 818 दर्ज किया गया है। जबकि, दिल्ली में बुधवार को सुबह सबसे ज्यादा वजीरपुर का एक्यूआई दर्ज किया गया। वजीरपुर में आज सुबह सात बजे 307 एक्यूआई दर्ज किया गया है। यह बहुत खराब श्रेणी में माना जाता है।
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर बुधवार को सुबह के समय कोहरा थोड़ा हल्का देखा गया। इस वजह से हाईवे पर वाहनों को चलने में कम परेशानी हुई। आइए आपको बताते हैं कि आज सुबह दिल्ली-एनसीआर के बाकी इलाकों का एक्यूआई कितना दर्ज किया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए एक बड़ा निर्णय लिया गया है। दिल्ली की सीमा के पास स्थित राजस्थान के दो शहरों बहरोड़ और नीमराणा में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) लागू किया गया है। वहीं, ग्रेप-4 लागू होने से इन शहरों में निर्माण गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के परिचालन पर भी रोक रहेगी।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता मंगलवार को “बहुत खराब” श्रेणी में बनी रही। हालांकि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि हवा के पैटर्न में बदलाव के कारण अगले 24 घंटों में यह “गंभीर” स्तर तक पहुंच सकती है। दिल्ली के 39 निगरानी स्टेशनों में से किसी पर भी हवा की गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में दर्ज नहीं की गई।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन से छह दिनों तक वायु गुणवत्ता ”बहुत खराब” से ”गंभीर” श्रेणी में ही रहने का अनुमान है। स्विस कंपनी के एप आइएक्यू एयर और सीपीसीबी के आंकड़ों में आज भी अंतर देखने को मिला।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, शाम चार बजे दिल्ली का औसत एक्यूआइ 343 दर्ज किया गया। एक दिन पहले यह 349 था। हालांकि मंगलवार सुबह यह 392 तक पहुंच गया था, लेकिन बाद में हवा चली तो यह नीचे आ गया।
बता दें कि मंगलवार दोपहर तीन बजे पीएम 2.5 प्राथमिक प्रदूषक था, जिसका स्तर 143 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 10 का स्तर 325 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। स्काईमेट वेदर सर्विसेज के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा कि हवा की गुणवत्ता अगले 24 घंटों में खराब हो सकती है। फिर से “गंभीर” श्रेणी में आ सकती है क्योंकि पूर्वी हवाएं चलने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि अब तक पश्चिमी हवाएं चल रही थीं, लेकिन अब उनमें बदलाव आएगा और शांत पूर्वी हवाएं प्रदूषण बढ़ाने में योगदान देंगी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली का 22.2 प्रतिशत प्रदूषण वाहनों के उत्सर्जन के कारण था। सोमवार को प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 6.9 प्रतिशत रही, जो एक अन्य प्रमुख योगदानकर्ता है।