Faridabad/Alive News: 36वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले में विरासत हरियाणा द्वारा लगाई गई सांस्कृतिक प्रदर्शनी के अंतर्गत कुए में पानी निकालने के लिए प्रयोग किए जाने वाले डोल की प्रदर्शनी आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है।
इस गीत में जिस डोल शब्द का प्रयोग किया गया है, विरासत हरियाणा की सांस्कृतिक प्रदर्शनी में वही डोल प्रदर्शित किया गया हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में गांवों में पानी के पीने के लिए आज से 50 साल पहले जो कुए बनाए जाते थे, उनमें से पानी निकालने का काम इन्हीं डोल के माध्यम से होता था। डोल की तली बिल्कुल गोल होती है।
तकनीकी दृष्टि से जब यह डोल पानी में गिरता है तो यह टेढ़ा हो जाता है। विरासत हरियाणा सांस्कृतिक प्रदर्शनी में दोनों ही प्रकार के डोल प्रदर्शित किए जाते रहे हैं। इस प्रदर्शनी को अब तक हजारों पर्यटक देख चुके हैं। मेले में विरासत हरियाणा सांस्कृतिक प्रदर्शनी सभी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है।