Rohtak/Alive News : अभी तक आपने सुना होगा कि परीक्षा में पास होने के लिए परीक्षार्थी उत्तर-पुस्तिकाओं में रुपये चिपकाते थे, पेंसिल से मोबाइल नंबर लिख देते थे या फिर अपने माता-पिता के गुजर जाने और अपनी नई-नई शादी होने की बात लिखते थे और परीक्षक से प्रार्थना करते थे कि उन्हें पास कर दें। लेकिन अब यह गुजरे जमाने की बात हो गई है।
अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुन कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। एक विद्यार्थी ने अपनी उत्तर-पुस्तिका में ऐसा नोट लिखा कि परीक्षक के पैरों तले भी जमीन खिसक गई। विद्यार्थी ने पहले तो बहुत मेहनत से परीक्षा देने की बात लिखी। फिर, बार-बार री आने से खुद को परेशान बताया और लिखा कि अगर कॉपी जांचने वाले ने उसे पास नहीं किया तो वह आत्महत्या कर लेगा।
परीक्षार्थी ने जिस उत्तर-पुस्तिका पर यह नोट लिखा है उस पर अंग्रेजी के तीन अक्षर में एमडीयू लिखा है अर्थात उत्तर पुस्तिका महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की है। साथ ही, उत्तर-पुस्तिका में ऊपर मदवि का लोगो भी लगा हुआ है। परीक्षार्थी ने यह धमकी भरा नोट पहले तो अंग्रेजी और फिर हिन्दी में लिखा है।
नोट में यह लिखा :
पहले अंग्रेजी में : डियर चेकर, प्लीज पास मी इन दिस एग्जाम. आय गिव दिस एग्जाम विथ फुल हार्ड वर्क एंड आय एम फ्रस्टेटेड आफ दीज़ री. सो, प्लीज पास मी ऑर आय कमिट सुसाइड.
फिर, हिन्दी में : प्रिय जांचकर्ता, कृपया कर के मुङो पास कर दें। मैंने यह परीक्षा बहुत मेहनत से दी है और मैं इन री से परेशान हूं। कृपया मुङो पास कर दें नहीं तो मैं आत्महत्या कर लूंगा।
मनोवैज्ञानिक बताते हैं ये कारण
– बच्चों के साथ परिजनों की बातचीत न होना ही ऐसे तनाव को जन्म देता है। साथ ही, सही तरीके से पढ़ाई न करना भी कारण है।
– विद्यार्थी विषय के टॉपिक का कांसेप्ट समझने के बजाय रटते हैं। इससे वह परीक्षा में प्रश्नों के जवाब आते हुए भी भूल जाते हैं।
– विद्यार्थियों को विषय के साथ-साथ साइकोलॉजिकल समझ देना भी अध्यापक की जिम्मेवारी है। इसका शिक्षा व्यवस्था में अभाव है।
– कई बार परीक्षार्थी पढ़ते नहीं हैं और परीक्षा में फेल हो जाते हैं। फिर, परीक्षा में पास होने के लिए वह शिक्षक से गुहार लगाते हैं।