November 16, 2024

एलफिंस्टन ओवर ब्रिज हादसा : राज ठाकरे ने साधा मोदी सरकार पर निशाना

Mumbai/Alive News : मुंबई में एलफिंस्टन स्टेशन के ओवर ब्रिज पर मची भगदड़ को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रेलवे ने यहां बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं किया, तो वह मुंबई में बुलेट ट्रेन का काम शुरू नहीं होने देंगे. इस हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.

एक चैनल के अनुसार राज ठाकरे ने कहा, मुंबई में मैं बुलेट ट्रेन की एक ब्लॉक नहीं रखने दूंगा. अगर मोदी बुलेट चाहते हैं, तो गुजरात में जाकर शुरू करें, मुंबई में नहीं. अगर उन्होंने बल का इस्तेमाल किया, तो हम भी देखेंगे क्या करना है.

दशहरा की बधाई देते हुए राज ठाकरे ने कहा कि इतना बड़ा त्यौहार है, लेकिन हम टीवी और अखबारों में क्या देख पढ़ रहे हैं. यह बहुत ही दुखद है. लोगों ने मुझसे घटनास्थल पर जाने को कहा, लेकिन मैं नहीं गया. इससे राहत और बचाव कार्य प्रभावित होता. डॉक्टर, पुलिस और फायर ब्रिगेड अपना काम कर रही है और नेता लोग मीडिया को बाइट दे रहे हैं, इसीलिए मैं घटनास्थल पर नहीं गया.

गुजरात में बुलेट ट्रेन चलाएं PM मोदी
उन्होंने कहा कि अगर मोदी बुलेट ट्रेन चलाना चाहते हैं, तो गुजरात में चलाएं मुंबई में नहीं. अगर वे लोग फोर्स का इस्तेमाल करेंगे तो हमें सोचना पड़ेगा कि क्या करना है. 5 अक्टूबर को हम अपने अंदाज में चर्चगेट पर रेलवे अधिकारियों से पूछेंगे. रेलवे अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है.

बुलेट ट्रेन की ईंट नहीं रखने देंगे मुंबई में
मनसे नेता ने कहा कि रेलवे बारिश को दोष दे रही है. क्या मुंबई में पहली बार बारिश हुई है. बुलेट ट्रेन की एक ईट भी मुंबई में नहीं रखने देंगे. ठाकरे ने कहा कि मैंने भी लोकल ट्रेन में सफर किया है. स्टेशनों पर बहुत कम जगह है. रेहड़ी और खोमचे वालों को चेताते हुए उन्होंने जगह खाली करने कहा, और ऐसा न करने पर अपने तरीके से उन्हें हटाने की बात कही.

‘जब तक बाहरी आते रहेंगे स्थिति नहीं सुधरेगी’
ठाकरे ने कहा कि हर साल 15000 लोग रेल हादसे में मरते हैं और इनमें 6 हजार मुंबई में मरते हैं. कांग्रेस जाती है, बीजेपी आती है. कुछ भी नहीं बदलता. बाहरी लोगों को निशाने पर लेते हुए राज ठाकरे ने कहा कि जब तक बाहरी लोगों का आना नहीं रुकता है, शहर ऐसे ही कांपता रहेगा. हर रोज हजारों लोग मुंबई आते हैं और सब बाहरी होते हैं. लोगों को समझना होगा कि सिर्फ सरकार बदलने से कुछ नहीं होता.

‘रेलवे है तो आतंकियों की क्या जरूरत’
मनसे नेता ने कहा कि मेट्रो इस शहर का एक और बोझ है. हमारे देश को आतंकियों की जरूरत नहीं है. चाहे वो चीन हो या पाकिस्तान, हमारे लोग इस तरह के हादसों में मरते रहेंगे. इस सरकार रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया, नाम बदलने से क्या होगा.

किसी के काम के नहीं पीयूष, बढ़िया काम कर रहे थे प्रभु
रेलमंत्री पर निशाना साधते हुए राज ठाकरे ने कहा कि पीयूष गोयल किसी काम के नहीं हैं. मुझे रेलवे अधिकारियों से बात करनी होगी. मंत्री बदल जाते हैं. बुलेट ट्रेन के लिए सुरेश प्रभु को बदल दिया गया. प्रभु बढ़िया काम कर रहे थे. रेलवे स्टेशनों का नाम बदलेंगे तो क्या होगा. अगर वे एक स्टेशन का नाम राम मंदिर रख देंगे, तो क्या राम मंदिर बन जाएगा. शिवसेना और बीजेपी के गठबंधन पर राज ठाकरे ने कहा कि सब राजनीति है. शिवसेना बीजेपी के साथ क्यों है. क्योंकि वे सब एक हैं और एक जैसे हैं. बीजेपी जब सरकार में होती है, तो चुप रहती है. विपक्ष में होती है तो प्रदर्शन करती है.

5 अक्टूबर को निकलेगा मनसे का मोर्चा
राज ठाकरे ने कहा कि 5 अक्टूबर को चर्च गेट से हम मोर्चा निकालेंगे. मैं खुद इस मोर्चा में शामिल रहूंगा. मुंबई के सभी रेलवे स्टेशनों की हम जानकारी लेंगे और रेलवे ऑफिसों में जाएंगे. लोग आगे आएंगे और मोर्चा के लिए आएंगे. अगर मुंबई में हालात नहीं सुधरते हैं, तो बुलेट ट्रेन को कोई भी काम मुंबई में नहीं होगा.

एक ब्रिज के लिए 15 सालों से कह रही जनता’
मनसे प्रमुख ने कहा कि यह घटना होने का इंतजार कर रही थी. रेलवे स्टेशनों की हालत अच्छी नहीं है. लोगों ने इस बारे में पहले शिकायतें की थी. हमारी पार्टी के लोगों ने रेलवे को पत्र लिखा था. पिछले 10-15 सालों से एलफिंस्टन स्टेशन ब्रिज के लिए रेलवे को पत्र लिखा जा रहा है, लेकिन कुछ नहीं हुआ.

‘स्पिरिट नहीं लोगों को नौकरी करना होता है’
ठाकरे ने कहा कि हमने शिकायत की तो रेलवे अधिकारियों की तरफ से जवाब आया कि फुटओवर ब्रिज का काम एमएमआरडीए को दे दिया गया है. इसलिए यह पूरा नहीं किया जा सकता. हर कोई एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहा है, कोई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता. कुछ दिनों में सब कुछ सामान्य हो जाएगा. और फिर हम कहेंगे कि ये मुंबई की स्पिरिट है. ये कोई स्पिरिट नहीं है, लोगों को नौकरी पर जाना होता है.