Faridabad/Alive News: बुधवार को उपायुक्त विक्रम सिंह के निर्देश पर लघु सचिवालय में जिला के सभी स्कूलों के प्रिंसिपल के साथ बैठक हुई। उपायुक्त ने बताया कि सामाजिक, आर्थिक, शारीरिक विकास में नशा सबसे बड़ी बाधा बनता है। कम उम्र में ही बच्चे नशे के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक होकर इससे दूर रह सकते है। इसके लिए हम सब मिलजुल कर इस समस्या को जड़ से खत्म कर सकते है।
उन्होंने कहा कि सभी प्रिंसिपल अपने स्कूल प्रांगण, परिसर या आस-पास के निर्धारित दायरे में तंबाकू या अन्य प्रकार के नशे को दूर रखने के लिए सजग भूमिका निभाएंगे। विद्यार्थियों को नशे की गिरफ्त में आने से रोका जा सके। प्रिंसिपल से मिली शिकायत पर भी त्वरित एक्शन लेते हुए तत्काल प्रतिबंधित दायरे में नशे की सामग्री जब्त की जाएगी।
जरूरत पड़ने पर इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस व प्रशासन की मदद भी ली जा सकेगी। युवा पीढ़ी के भविष्य को बचाने के लिए शिक्षण संस्थानों को भी आगे आना होगा और सख्त नियम बनाने होंगे। बुक सेलर्स को कहें कि बिना अभिभावकों के किसी भी बच्चे को व्हाइटनर न दें। स्कूलों के विद्यार्थियों में नशे के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए।
उन्होंने कहा कि समय समय पर छात्र-छात्राओं के सरप्राइज बैग और स्कूटी चेक करें। किसी छात्र के पास कोई आपत्तिजनक वस्तु मिलती है तो उसकी और उसके अभिभावकों की काउंसलिंग करें। स्कूली बस ड्राइवर और क्लीनर पर भी नजर रखें। स्कूलों में आर्ट ऑफ़ लिविंग, मेडिटेशन और योग कक्षाओं का आयोजन करें।