Faridabad/Alive News : नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही निजी स्कूल प्रबंधकों का कमाई का सीजन शुरू हो गया है। उनकी लूट-खसौट व मनमानी से छात्र व अभिभावक परेशान हैं। वे फरियाद के लिए उपायुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी हुडा प्रशासन सहित सांसद, विधायक, पार्षद के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
ऐसे हालात में शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा का यह बयान, ‘निजी स्कूलों की मनमानी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी, उनके द्वारा बढ़ाई गई फीस वापिस कराई जाएगी और स्कूलों के अंदर खुली किताब-कापी की दुकानें बंद कराई जाएंगी।’
अभिभावकों को थोड़ा सुकून देता है। लेकिन उनके बयान के मद्देनजर कोई सरकारी पत्र न आने से उनका बयान बेअसर हो रहा है। लगता है जब तक पत्र निकलेगा तब तक स्कूल प्रबंधक बढ़ी हुई फीस वसूल लेंगे और अपने स्कूल की दुकान से छात्रों को किताब-कापी के महंगे सेट बेचकर अपना उद्देश्य पूरा कर लेंगे। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा कि शिक्षामंत्री महोदय ने ऐसा ही बयान मार्च 2016 में दिया था, लेकिन कोई सरकारी आदेश नहीं निकाला था।
मंच ने शिक्षा मंत्री से अपील की है कि वे अपने बयान के कथन के अनुसार शीघ्र ही सरकारी आदेश शिक्षा निदेशालय से निकलवायें जिससे छात्र व अभिभावक निजी सकूल की लूट-खसौट व मनमानी से राहत पा सकें। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि वे स्कूलों की मनमानी का एकजुट होकर विरोध करें।