December 25, 2024

फरीदाबाद में इचेलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी का आयोजन किया गया

Faridabad/Alive News:  आज इचेलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में मेगा अकादमिक इवेंट “ब्रेन स्टॉर्म -2016” आयोजित किया गया. इस अभियान में फरीदाबाद, पलवल एवं बल्लभगढ़ के 47 स्कूलों के बारवी कक्षाओं के नॉन मेडिकल विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग की पढ़ाई को अपनाने का था. कुल मिला कर 1496 विद्यार्थियों ने इस कॉन्टेस्ट में भाग लिया जिस के अन्तर्गत 50 विभिन विकल्पीय प्रष्नोंके उत्तर एक घंटे के समय में देना था.

प्रतियोगिता के पश्चात विद्यार्थियों को भोजन कराया गया और उन्हें क्रम में पूरे इंस्टिट्यूट का दौरा कराया गया. इंस्टिट्यूट की वर्कशॉप, कंप्यूटर सेंटर, प्रयोगशालाएं, लाइब्रेरी, प्रोजेक्ट, जिम्नेजियम और अन्य सुविधाएँ में विद्यार्थियों ने बहुत रूचि दिखाई और प्रभावित हुए.विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग का उन्मुखीकरण (ओरिएंटेशन) दिया गया ताकि छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन हो सके. विद्यार्थियों के साथ आये अधपिकों को भी पूरा सम्मान दिया गया और उनके स्कूल का धन्यवाद किया गया.

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इंस्टिट्यूट के छात्रों द्वारा एक मनोरंजन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रक प्रस्तुत किया गया जिस में “ज़बर” बैंड ने ज़बरदस्त प्रतुति करते हुए समय को बांध लिया. इस के उपरांत परिणाम घोषित किये गए जिस में विद्यार्थियों को लैप टॉप, टेबलेट, डिजिटल घडिय़ां, ट्रेवल बैग तथा 3.34 करोड़ रूपये के छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप्स) जैसे पुरस्कार दिए गए . लैप टॉप के पहले तीन पुरस्कार संत जोसफ स्कूल इन आई टी 5 के हार्दिक बत्रा, एम् वी इन स्कूल की रश्मि सत्संगी और डी ए वी स्कूल सेक्टर 45 के सत्य श्री सेमंतरॉय ने जीते. इस के इलावा प्रत्येक स्कूल के पहले तीन टॉपर्स को टेबलेट, डिजिटल घडिय़ांएवं ट्रेवल बैग पुरस्कार में दिए गए. इंस्टिट्यूट के चेयरमैन प्रभात अग्गरवाल एवं प्रिंसिपल प्रोफ डी के चुग ने सभी का धन्यवाद किया और विद्यार्थियों को आने वाली बोर्ड परीक्षाओं में सफलता तथा उनके उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें शुभ कामनाएं दी. उनके इंजीनियरिंग क्षेत्र चुनने के इरादे की सराहना की और उन्हें प्रोत्साहित
किया.

चेयरमैन ने छात्रों को आध्यात्मिक दृष्टिकोण देते हुए छात्रों से आत्मबल के विषय में कहा कि चिंता मुक्ति आत्मबल का हनन करती है.
उत्तरदायित्व, परिस्थिति का सामना करना, विफलताओं कि स्वीकृति, ह्रदय कि पुकार को सुनना, आसक्ति त्याग कर सपनों को जीवन
का आधार बनाना व्यक्ति को जीवन में स्पष्टता और आत्मबल से परिपूर्ण करता है.