Chandigarh/Alive News: दिल्ली विश्वविद्यालय के 4 वर्षीय स्नातक प्रोग्राम में छात्रों की सतत मूल्यांकन किए जाने पर अंतिम मुहर लग गई है। शुक्रवार हुई कार्यकारी परिषद की बैठक में सदस्यों के विरोध के बाद इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया है।
सदस्यों ने यह कहकर विरोध जताया कि समेस्टर समाप्त होने वाला है लिहाजा अब सतत मूल्यांकन का कोई औचित्य नहीं है। वहीं 4 वर्ष डिग्री प्रोग्राम के तीसरे सेमेस्टर के 50 से अधिक पाठ्यक्रमों को भी परिषद ने अपनी हरी झंडी दे दी है।
दरअसल 4 वर्षीय स्नातक प्रोग्राम के तहत पेपर का मूल्यांकन 160 अंकों का होगा इसमें थ्योरी पेपर का मूल्यांकन 90 अंक व आंतरिक मूल्यांकन 30 अंक का सतत मूल्यांकन 40 अंकों का है। जबकि बीते साल तक थ्योरी पेपर का मूल्यांकन 75 अंकों और आंतरिक मूल्यांकन 25 अंकों का होता है। इस बार से सतत मूल्यांकन को भी लगाया गया है।
परिषद सदस्य डॉ सीमा दास ने बताया कि पहले सेमेस्टर में सतत मूल्यांकन को लेकर आया गया है जबकि 12-15 दिन में पहला सेमेस्टर खत्म होने वाला है। ऐसे में पूरे सेमेस्टर का सतत मूल्यांकन अंत में कैसे किया जा सकता है इसको लेकर हमने लिखें असहमति नोट दिया, बावजूद इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया।