Faridabad/Alive News: एक तरफ सरकार और जिला प्रशासन पीपीपी में सुधार को लेकर लगातार हेल्पलाइन और टोल फ्री नंबर जारी कर जनता को भरोसा दे रहे है। वहीं, दूसरी ओर सरकार और जिला प्रशासन द्वारा जारी नंबर पर कॉल न लगने के कारण जनता में रोष पनप रहा है।
मुख्यमंत्री ने जारी किया नंबर जनता की पहुंच से बाहर
बीते सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री ने प्रेसवार्ता कर पीपीपी में सुधार से संबंधित दो टोल फ्री नंबर-18001802087 और 1967 जारी किए ताकि उपरोक्त नंबर पर कॉल कर लोगों शिकायत दर्ज करा सके। लेकिन शिकायत कर्ताओं ने जब इस नंबर पर फोन कर शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की तो टोल फ्री नंबर पर फोन नही लग रहा है, जिसके कारण लोगों में शासन-प्रशासन के प्रति रोष पनप रहा है।
तीन दिन बाद जिला प्रशासन द्वारा जारी नंबर सेवा क्षेत्र से बाहर
मुख्यमंत्री द्वारा जारी टोल फ्री नंबर के 3 दिन बाद ही जिला फरीदाबाद प्रशासन ने परिवार पहचान पत्र की त्रुटियों को दुरुस्त कराने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 0129- 279-2999 जारी किया था और बताया गया कि इस नंबर पर कोई भी नागरिक सुबह 9 से शाम 5 बजे तक फोन कर अपनी पीपीपी से संबंधित जानकारी ले सकता है और अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। लोगों ने जारी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर पीपीपी से संबंधित शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की, तो यह नंबर सेवा क्षेत्र से बाहर बता रहा है।
क्या कहना है पीड़ित महिलाओं का
पहले मुख्यमंत्री ने पीपीपी में सुधार को लेकर दो टोल फ्री नंबर जारी किये। जब इस नंबर पर मैंने फोन कर अपनी पीपीपी की शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की, तो दोनों टोल फ्री नंबर नहीं लग रहे। उसके ठीक 3 दिन बाद जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया तो इस नम्बर पर भी जब मैंने फोन कर शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की तो उपरोक्त नंबर भी उपयोगी क्षेत्र से बाहर मिला। सरकार और अधिकारियों ने गरीब जनता का मजाक बनाया हुआ है। मुझे कम्पनी से दिहाड़ी छोड़कर आना पड़ा।
पीपीपी में पहले तो सरकार ने लोगों की इनकम गलत कर दी। उसके बाद जब अपना काम धंधा और नौकरी छोड़कर पीपीपी में सुधार के लिए अटल सेवा केंद्र पर पहुंचे तो वहां सर्वर डाउन मिला और अटल सेवा केंद्र में कार्यरत कर्मचारियों ने सीएससी सेंटर जाने के लिए कहा। सीएससी सेंटर पर लोगों से केवल रिक्वेस्ट भेजने के लिए 300 से 400 रूपये लिये जा रहे है। सरकार और अधिकारी कोई भी नंबर जारी करने से पहले शायद एक बार भी स्वयं उस नंबर की जांच नहीं करते। इसी कारण लोगों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।