Faridabad/Alive News : डी.पी.एस. बल्लबगढ़ के प्रांगण में प्रारंभिक बाल विकास के कार्यक्रम पर आधारित सेमिनार आयोति किया गया जिसमें शहर के प्रसिद्ध 48 बाल विद्यालयों के अभिभावकों ने शिरकत की। इस सेमिनार में तीन से छह वर्ष के बच्चों के मानसिक तथा व्यक्तित्व के विकास के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्रो. वाईस चेयरमैन एस.पी.लाल ने अपने कर करकमलों द्वारा दीप प्रज्जवलित किया। सेमिनार का प्रारंभ रंगारंग कार्यक्रमों से किया गया। जिसमें विद्यालयों के नन्हें- मुन्ने बच्चों ने अपने नृत्य द्वारा समा बना दिया, जिसका आनंद मुख्यातिथि के साथ अवसर पर आमंत्रित अभिभावकों ने भी उठाया। इस सेमिनार में अभिभावकों ने सकारात्मक योगदान दिया।
सेमिनार का मुख्य उद्देश्य बच्चों का मानसिक तथा व्यक्तित्व के विकास के ऊपर बल देना था। क्योंकि बाल्यवस्था का यह काल कोमल व जागरणवस्था का होता है और इस अवस्था में बच्चों की ज्ञानार्जन क्षमता अत्याधिक होती है। बच्चे अपने बड़ों तथा अध्यापकों के द्वारा बताए गए निर्देंशों का अनुसरण पूर्णरूप से करते हैं। एस.पी लाल ने शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रारंभिक बाल जीवन कच्ची मिट्टी के समान है जिसे प्रारंभ में यदि सही आकार व मार्गदर्शन दिया जाए तो वे भावी राष्ट्र के निर्माण में अपना पूर्ण योगदान दे सकते हैं।
विद्यालय की प्रधानाचार्या आरती अनिल लावंद ने बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि बाल्यावस्था में बच्चों का शैक्षिक व मनोवैज्ञानिक पूर्ण रूप से हो, इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। विद्यालय की मुख्याध्यापिका पूर्णिमा वाधवा ने सेमिनार में अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों के इस प्रारंभिक विकास में अध्यापकों के साथ-साथ अभिभावकों के परस्पर सहयोग के द्वारा ही बच्चों का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है। यही वह समय है जिसमें बच्चों को सही मार्गदर्शन दिया जा सकता है। सेमिनार के अंत में उन्होंने अभिभावकों से भविष्य में इस प्रकार के सेमिनार व कार्यक्रम कराने का वायदा किया।