Faridabad/Alive News: जिले में टीबी मरीजों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनी हुई है। वर्तमान में फरीदाबाद जिले में कुल 42 टीबी के एक्टिव केस है। जिले के डॉक्टर टीबी मरीजों की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण फरीदाबाद में बढ़ते प्रदूषण और जनसंख्या के दबाव को मान रहे है। डॉक्टरों के अनुसार टीबी के मामले ज्यादातर स्लम एरिया से सामने आ रहे है।
हवा से फैलता है क्षयरोग
टीबी माइक्रो बैक्टीरिया से होने वाली बीमरी है। यह हवा के जरिए एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलती है। आमतौर पर यह बीमारी फेफड़ो से शुरू होती है। लेकिन अब यह बीमारी फेफड़ो के अलावा ब्रेन, लिवर, यूटरस, मुंह, किड़नी, गला आदि शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। टीबी के मरीज जब हवा में खांसते है या फिर छींकते है तो मुंह और नाक से निकलने वाली बारीक संक्रमण की बूंदो के संपर्क में स्वस्थ व्यक्ति के आने से वह भी संक्रमित हो सकता है।
जिले में टीबी मरीज के लिए चल रही है अट्ठारह यूनिट
बीके अस्पताल के टीबी बोर्ड के इंचार्ज डॉ सुभाष गहलोत ने बताया कि जिले में टीबी को कंट्रोल करने के लिए 18 टीबी यूनिट चलाई जा रही हैं। ये यूनिट बीके अस्पताल, बल्लभगढ़ अस्पताल के अलावा सीआरसी केन्द्र और सीएचसी केन्द्र (सेक्टर-30, खेड़ी, पल्ला, पाली, मोहना, तिगांव, डबुआ, कौराली, दयालपुर, मुजेसर, ईएसआई-5 आदि) पर चलाई जा रही हैं। बहुत जल्द इन यूनिटों की संख्या को बढ़ाकर 22 किया जाएगा। उक्त केंद्रों पर एक एक सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर नियुक्त है। एमडीआर टीबी की जांच का कार्य बल्लभगढ़ के सरकारी अस्पताल व बीके अस्पताल में होता है। टीबी की मुफ्त दवा देने के लिए करीब 350 डॉट सेंटर बनाए हुए हैं।
सरकार देती है टीबी मरीजों को अनुदान
डॉ सुभाष गहलोत ने बताया कि सरकार प्रत्येक माह टीवी के मरीजों को 500 रूपये अनुदान राशि के रूप में प्रदान करती है। लेकिन इसके अलावा भी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर टीबी मरीज को गोद लेकर उनकी डाइट का खर्च उठा रहे हैं।
टीबी मरीजों को डॉक्टरों ने लिया गोद
आईएमए की प्रधान डॉ पुनीता हसीजा ने करीब 100 मरीजों को गोद लिया हुआ है और उनकी डाइट का खर्चा वहन कर रही हैं। वही, रोटरी क्लब ने करीब 35 मरीज, इनरव्हील क्लब ने करीब 10 मरीज, रेडक्रॉस ने करीब 60 मरीज, बीके अस्पताल के सीएमओ डॉ विनय गुप्ता ने करीब 5 मरीज, डॉ रिचा बत्रा ने 5 मरीज, डॉ. महेंद्र गोयल ने 5 मरीज, डॉ. सुशीला ने 3 मरीज, डॉ. सुभाष गहलोत ने 2 मरीज को गोद लिया हुआ है और उनकी डाइट का खर्चा उठा रहे हैं।