Faridabad/ Alive News: धौज स्थित आदर्श सीनियर सेकंडरी स्कूल द्वारा दीपावली के अवसर पर रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। रंगोली प्रतियोगिता में छात्राओं ने बढ़-चढक़र भाग लिया। जिसमे छात्राओं ने फूल, पत्ती, बुरादे के रंग, रंगे हुए चावल, दीपों और मोमबत्तियों के माध्यम से रंगोली सजाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन नरसिंह तंवर ने बच्चों को दीपावली त्यौहार की महत्वता बताते हुए कहा कि भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’ यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है।
तंवर ने कहा कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से उल्लसित था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीए जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं।
इसके अलावा 12वी कक्षा में जिले में तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा अरुणा को स्कूल के चेयरमैन नरसिंह तंवर ने सम्मानित किया। तत्पश्चात, अलाइव न्यूज़ के संवाददाता से बात करते हुए अरुणा ने कहा कि उसकी कड़ी मेहनत और लगन के बदौलत इस उपलब्धि को हासिल की है. अरुणा ने कहा कि बड़े से बड़े उपलब्धियों को हासिल की जा सकती है बशर्ते की लक्ष तय करके मेहनत किया जाये। उसने कहा कि आज महिलाये हर छेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चल रही है, ऐसे में यह जरुरी है की माता-पिता अपनी बेटियों को भी उतनी ही अहमियत दें जितना की बेटों को देते हैं. अरुणा गांव की एक किसान घराने से सम्बन्ध रखती है, वह जेबीटी कोर्स कर भविष्य में एक अध्यापक बनना चाहती है। अंत में चेयरमैन तंवर ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी आगन्तुक गणों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें दी।