Faridabad/Alive News: डिजिटल अरेस्ट मामले में साइबर थाना एनआईटी में साइबर ठगी का मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। आरोपियों ने पीड़िता को जाल में फसाने के लिए कस्टम अधिकारी बनकर स्काइप कॉल की और सीबीआई अधिकारी बताकर अरेस्ट वारंट जारी किया। आरोपियों ने पीडिता पर 3.8 करोड रुपए का मनी लॉन्ड्रिंग और ह्युमन ट्रैफिकिंग का आरोप लगा कर ढाई लाख रुपए का साइबर फ्रॉड किया।
पीडिता की शिकायत के मुताबिक 12 अक्टूबर को उसे कस्टम विभाग लखनऊ के अधिकारी बताकर स्काइप पर कॉल किया और कहा कि उसके नाम और आधार कार्ड नंबर से एक पार्सल कंबोडिया जा रहा है। जिसमे 16 पासपोर्ट और 68 एटीएम है, यह पासर्ल सीज कर दिया है। करीब 3.8करोड रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की है जिसमें उसे 5% चार्ज के रूप में भेजना होगा। आरोपियों ने डिजिटल अरेस्ट वारंट और अदालत से संबंधित कागजात भेजे।
जिसमें पीडिता को आधार नम्बर और नाम के साथ डिजिटल अरेस्ट दिखाया गया था। आरोपियो ने पीडिता के फोन की वीडियो ऑफ कर कॉल पर बने रहने, फोन बन्द व कॉल को डिस्कनेक्ट न करने को के आदेश दिए। पीडिता आरोपियों के निर्देश अनुसार काम करते हुए उनके जाल में फसती चली गई। पिडिता द्वारा ढाई लाख रुपये आरोपियों के खाते में ट्रांसफर करने के बाद आरोपियों ने सीबीआई से अग्रिम जमानत के बेल ऑर्डर भेजे।
पीडिता से हुई ठगी के बारे में पता चला तो साइबर थाना एनआईटी में शिकायत दी जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों की तलाश जारी है और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। फरीदाबाद पुलिस लगातार शहर में स्कूल, कॉलेजों और मार्किट में साइबर जागरुकता अभियान चलाए जा रहे है। साइबर जागरूकता ही बचाव है साइबर ठगी होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर कॉल कर सूचना दे और उन्हें अपने साथ हुई साइबर ठगी के बारे में जानकारी दें।