Faridabad/Alive News : अरावली वन क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद वन विभाग और नगर निगम द्वारा पिछले 15 दिनों से अवैध रूप से बसे फार्महाउसों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं सोमवार को खोरी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। स्थिति यह है कि कोर्ट के आदेश और सरकार की योजना के बीच लोगों को फ्लैट मिलना आसान नहीं लग रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार अरावली में वन विभाग की करीब पांच सौ हेक्टेयर जमीन पर अवैध निर्माण है। इनमें लगभग 140 फार्म हाउस, शिक्षण संस्थान, होटल व कॉलोनियां बसी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नगर निगम और वन विभाग की ओर से तीन माह से तोड़फोड़ की जा रही है। लेकिन यह कार्यवाही नामात्र तक सीमित हैं। कोर्ट के आदेश पर वन विभाग और नगर निगम ने तत्परता दिखाते हुए 13 फार्म हाउसों को तोड़ा है। लेकिन उसके बाद फिर कार्रवाई रोक दी गई। तोड़फोड़ मामले में सुप्रीम कोर्ट हरियाणा सरकार, वन विभाग और नगर निगम को दो बार कड़ी फटकार लग चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट सख्त लहजे में कह चुका है कि अरावली से अतिक्रमण हटाने के लिए क्या सरकार को बार-बार कहा जाएगा। इसके बावजूद तोड़फोड़ कार्यवाही ठप है। वहीं खोरी में तोड़फोड़ के बाद मलबा उठाने के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट जमा कराने के आदेश दिए थे। निगम ने एक सप्ताह में खोरी में मलबा निस्तारण प्लांट लगाने की बात कही थी। इसे लेकर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। अभी तक अधिकारी केवल खोरी में प्लांट लगाकर मलबा निस्तारण की बात कर रहे हैं।