Kurukshetra/Alive News : हरियाणा के कृषि एवं पंचायत मंत्री ओ पी धनखड़ ने कहा हरियाणा के ग्रामीण विकास की इच्छा राष्ट्रपति भवन तक है। यह गौरव की बात है कि राष्ट्रपति ने प्रदेश के 100 गांव गोद लिए है। हम भी प्रदेश के हर गांव को ऐसा बनाना चाहते हैं। इसलिये हमने पंचायतों को शिक्षित, सक्षम और समर्थ बनाने की दिशा में ठोस काम कर रहे हैं। तीन महीने के सर्टिफिकेट कोर्स को इस काम का हिस्सा बताते हुए धनखड़ ने कहा कि इससे पंचायतें और मजबूत होंगी। बुधवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में जनप्रतिनिधियों को सार्टिफिकेट कोर्स कराने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने गांव से प्रेम करने की पराकाष्ठा दिखाये और विकास करें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विकास के लिए पैसे की कमी नहीं आने देगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह राष्ट्रपति ने हरियाणा के पहले पांच गांवों को गोद लिया और अब वे 100 गावो को विकसित करें। धनखड़ ने कहा हर सांसद, विधायक ने गांव लिए हैं। हम चाहते हैं कि हर गांव का विकास इसी तर्ज पर हो, ताकि हर गांव राष्ट्रपति के गोद लिए गांव की तरह विकसित हो। ओमप्रकाश धनखड़ ने दिया पंचायत प्रतिनिधियों को 9-स का फार्मूला हुए कहा कि पंचायतों को सक्षम, समर्थ, सम्मानित, सुन्दर, शिक्षित, सहभागी, स्वच्छ, सेवार्थ व सतत होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस सर्टिफिक़ेट कोर्स से व्यवहार कुशलता, परिवर्तन, लीडरशिप, योजना एवं मैनेजमैन्ट जैसे विषयों में प्रतिनिधि पारंगत हो, इसके लिए ये नई शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए दो हजार करोड़ रूपये पंचायतों का बजट है। इसके अलावा 1200 करोड़ रूपये और खर्च होंगे तथा आने वाले समय में प्रदेश का एक भी गांव ऐसा नहीं रहेगा, जिसमें एक करोड़ से दो करोड़ रूपये विकास के लिए खर्च न हो। उन्होंने कहा कि पहली बार ग्रामीण विकास के लिए नाबार्ड से पांच हजार करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि तीन हजार से अधिक आबादी वाले गांव के विकास के लिए दो करोड़ रूपये खर्च होंगे। 10 हजार से अधिक आबादी वाले गांव में सीवर लाईन डालने के लिए महाग्राम योजना बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए संसाधनों की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। हम पहली बार लिक्विड और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर पैसा खर्च कर रहे हैं। ग्रामीण आबादी का स्वरूप बदलने के लिए विकास कर रहे हैं। हर गांव के बाहर ग्राम गौरव पट्ट लगाया जा रहा है ताकि बाहर से आने वाले लोग उस गांव के वीरों, दानी सज्जनों व उपलब्धि हासिल करने वाले लोगों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि सभी पंचायतें अपने अधिकार के हिसाब से अपने हक को लेना सीखने के लिए कार्य करें।