Lucknow/Alive News: कानपुर में डेंगू का डंक लोगों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। क्योंकि पुरानी दवाएं असर नहीं कर रही हैं। साथ ही यह कम से कम एक किमी की परिधि में घूमकर डेंगू फैला सकते है। यह बात जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के एक अध्ययन में पता चली है।
मिली जानकारी के अनुसार विशेषज्ञों का कहना है कि छिटपुट फॉगिंग से इस मच्छर का कुछ नहीं बिगड़ने वाला। इस पर असर करने के लिए मच्छर के रूटीन का अध्ययन करके फॉगिंग कराई जाए। वहीं जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेशचंद्र का कहना है कि लोगों ने जगह-जगह कूड़ाघर बना रखे हैं और जलभराव रहता है। घर को साफ कर समझते हैं कि वे सुरक्षित हैं लेकिन ऐसा नहीं है। मच्छर एक किमी परिधि में घूमा करता है।
अगर इस परिधि में कहीं भी जलभराव है,तो मच्छर डेंगू संक्रमित कर सकता है। रोग से बचने के लिए क्षेत्र का साफ होना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि कई साल पहले जब डीडीटी से मच्छर रिसेस्टेंट हुए तो अध्ययन कराया गया था। उसमें यह स्थिति सामने आई थी, ठीक वैसी ही स्थिति अब भी है।
अगर सही ढंग से फॉगिंग नहीं हुई तो मच्छर नहीं मरेगा। धुएं से बेहोश भर हो सकता है। इसके बाद और रिसेस्टेंट हो जाएगा। एडीज मच्छर अब सालभर जीवित रहता है। कड़कड़ाते जाडे़ और झुलसाऊ गर्मी में बिल्कुल खत्म नहीं होता।