Mewat/Alive News : लोगों ने मेवात मॉड्ल स्कूलों को शिक्षा विभाग में जोडऩे और कई प्रकार के भत्ते इन स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को देने की पुरजोर मांग की है। क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री के नाम मंगलवार को तहसीलदार प्रकाशवीर के मार्फत एक ज्ञापन पत्र सौंपा। आरटीआई मंच के बैनर तले ज्ञापन सौंपने के बाद ग्रामीणों ने बताया कि एमड़ीए के अधीन चल रहे आठ स्कूलों में शिक्षकों को पेग्रेड़ तो पूरा मिलता है, किन्तु एलटीसी, एनपीएम, मेडिक़ल भत्ता व सीसीएल की सुविधा नहीं दी जा रही। पूर्व मुख्याध्यापक मुनीराम जैन ने बताया कि इन शिक्षकों की मांग बिल्कुल जायज है। इस अन्याय के खिलाफ हम मेवात मॉड्ल स्कूल के शिक्षकों के साथ है।
मुख्यमंत्री से मांग करते है कि अपने आदेश पर तुरंत कार्यवाई करते हुए इन स्कूलों को शिक्षा विभाग में जोड़ दिया जाऐ। सामाजिक कार्यकर्ता राजुद्दीन ने बताया कि सरकार शिक्षा विभाग के सभी स्कूलों में ये सभी सुविधाऐं देती आ रही है। भत्ते नहीं मिलने से मेवात मॉड्ल स्कूल के शिक्षक बीच में ही नौकरी छोडक़र चले जाते है। जिससे बच्चों का भविष्य दांव पर है। अब तक दर्जन की तादाद में शिक्षक चले गए है, यदि ये सुविधाऐं इन स्कूलों में भी दी जाऐ तो शिक्षक के नौकरी छोडऩे का सवाल ही पैदा नहीं होता है। उन्होंने बताया कि 4 अप्रैल को इसी साल मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मेवात मॉड्ल स्कूलों को शिक्षा विभाग में सम्मिलित करने की बात एमड़ीए की बैठक में की थी।
बुधवार 14 दिसंबर को गुरूग्राम में एमड़ीए की सालाना बैठक है। समाजसेवी राजुद्दीन ने बताया कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में लगी शिक्षिकाओं के साथ भी एमड़ीए ने बड़ा भेदभाव किया हुआ है। पीजीटी व टीजीटी के शिक्षकों को केवल 15840 रूपये मिलते है जबकि उन्हें किसी प्रकार के भत्ते भी नहीं दिये जा रहे। उत्तम न्यायालय ने पिछले महिने सरकारों को समान कार्य समान वेतन लागू करने के आदेश दिऐ थे, जिनकी अवमानना हो रही है। कस्तूरबा से ज्यादा वेतन तो अतिथि अध्यापकों को मिल रहा है।