Tamil Nadu/Alive News : तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के जीवन पर बनी फिल्म थलाइवी 10 सितंबर को रिलीज हो गई. इस फिल्म में कंगना रनौत ने जयललिता का रोल निभाया है. हालांकि, अब AIADMK ने इस फिल्म के कुछ सीन पर आपत्ति जताई है. पार्टी का दावा है कि ये कुछ सीन फिल्म में ऐसे हैं, तो तथ्यात्मक रूप से गलत हैं.
पूर्व AIADMK मंत्री डी जयाकुमार ने फिल्म देखने के बाद मीडिया से बात की. उन्होंने कहा, यह फिल्म काफी अच्छी तरीके से बनाई गई है. अगर कुछ सीन को डिलीट कर दिया जाए, तो यह बड़ी हिट साबित होगी.
एमजीआर ने कभी कोई पद नहीं मांगा
यह फिल्म जे जयललिता और उनके मेंटर और AIADMK पार्टी के संस्थापक एमजीआर के जीवन पर बनी है. थलाइवी फिल्म में जयललिता के सफल सिनेमा और राजनीतिक करियर को दिखाया गया है. डी जयाकुमार ने कहा, इस फिल्म में दिखाया गया है कि एमजीआर पहली डीएमके सरकार में मंत्रिपद मांगते हैं. उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, एमजीआर ने कभी कोई पद नहीं मांगा. वे सिर्फ विधायक रहना चाहते थे.
जयाकुमार ने कहा कि एमजीआर ने 1967 में द्रमुक की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 1967 में आजादी के बाद डीएमके पहली क्षेत्रीय पार्टी थी, जिसने सत्ता हासिल की थी. उन्होंने बताया कि दिवंगत अभिनेता एम आर राधा द्वारा कथित रूप से एमजीआर को गोली मारने के बाद उनके इलाज के दौरान की तस्वीरों को पार्टी पोस्टरों पर इस्तेमाल किया गया. इसने डीएमके की जीत में अहम भूमिका निभाई.
फिल्म में किए गए कई दावे गलत- जयाकुमार
उन्होंने कहा, अन्नादुरई रामचंद्रन को मंत्री बनाना चाहते थे, जिसे उन्होंने मना कर दिया लेकिन बाद में उन्हें लघु बचत का उप प्रमुख बनाया गया, ये एक नया पद था. एमजीआर ने पद मांगा था, यह सच नहीं है. यह अच्छा होगा कि इसे डिलीट कर दिया जाए.
जयाकुमार ने ऐसे सीन का भी जिक्र किया, जिनमें एमजीआर जयललिता को पर्याप्त सम्मान नहीं दे रहे थे और जयललिता उन्हें सम्मान नहीं दे रहीं थीं. उन्होंने दावा किया, ये सच नहीं था. जयाकुमार ने कहा, फिल्म में दिखाया गया है कि जयललिता बिना एमजीआर की जानकारी के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के संपर्क में थीं. इससे ऐसा लगता है कि जयललिता एमजीआर के खिलाफ जा रही थीं. यह सच नहीं है. इसलिए हमारी अपील है कि इन दृश्यों को डिलीट किया जाए.