Faridabad/Alive News : आरटीई अधिनियम के तहत दाखिला देने में आनाकानी करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ मौलिक शिक्षा निदेशालय ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए है। निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए शिक्षा निदेशालय ने आरटीई अधिनियम में बड़ा संशोधन किया है। नए आरटीई अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे अपने इलाके के एक किलो मीटर के दायर में आने वाले निजी स्कूलों में दाखिला ले सकते है। वहीं दूसरी ओर डीईईओ दाखिला देने में आनाकानी करने वाले निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर सकते है।
मौलिक शिक्षा निदेशालय ने इस बार जिला स्तरीय कार्यवाही की जिम्मेदारी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को दी है। अब डीईईओ को अभिभावकों की ओर से जिस भी स्कूल की शिकायत मिलेगी। डीईईओ अपने स्तर पर जांच कमेटी का गठन कर स्कूल की जांच करवा सकेंगे। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीईईओ उसका अवलोकन कर स्कूल में एडमिशन के लिए निर्देश देंगे। दो बार निर्देश देने और औपचारिकता पूरी होने के बाद भी अगर निजी स्कूल दाखिला नहीं देंगे तो डीईईओ अपने स्तर कार्रवाई कर स्कूल की मान्यता रद करने का फैसला ले सकते हैं। कार्रवाई की रिपोर्ट डीईईओ की ओर से मुख्यालय को भी भेजनी होगी।
नए आरटीई अधिनियम के तहत डीईईओ की अध्यक्षता में गठित होने वाली टीम में दो स्कूल शिक्षक, पंचायत प्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होगें। इसके अतिरिक्त यदि स्कूल में तय सीटों से अधिक आवेदन आते है तो ड्रा के माध्यम से दाखिले होंगे।