Chandigarh/Alive News: कोरोना महामारी से हरियाणा में रोजाना 140 से 150 मरीजों की मौत हो रही है। श्मशानघाटों में चिताएं जलाने के लिए जगह के साथ-साथ सूखी लकड़ियां भी कम पड़ने लगी हैं। कुछ शहरों में इलेक्ट्रिक शव दाह गृह भी स्थापित किए गए हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार ने महामारी में जान गंवाने वालों के अंतिम सरकार के लिए सूखी लकड़ियां उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।
वन मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने बताया कि वन विभाग की ओर से सभी पालिकाओं के अंतर्गत आने वाले श्मशानघाटों से लकड़ियों की आपूर्ति की डिमांड मांगी गई है। 14 हजार क्विंटल लकड़ी की मांग आई है। करीब 1618 क्विंटल लकड़ी मुहैया भी करवा दी गई है। वन विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में सूखी लकड़ी है जो जिलों को भेजी जा रही है।
जानकारी के मुताबिक बुधवार को प्रदेश में 165 कोरोना मरीजों की मौत दर्ज की गई। इनमें रोहतक में 23, भिवानी-हिसार में 16-16, जींद में 11, फरीदाबाद में 10-10, गुरुग्राम-सिरसा-चरखी दादरी में 9-9, सोनीपत-यमुनानगर में 3-3, नूंह-कुरुक्षेत्र में 5-5, फतेहाबाद-महेंद्रगढ़ में 7-7, झज्जर-पलवल में 4-4, कैथल में 6 और पानीपत में 2 कोरोना मरीजों की मौत हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए अगले दो दिन के भीतर हर जिले में 50 या इससे अधिक हॉटस्पॉट वाले गांवों में आइसोलेशन सेंटर स्थापित करने होंगे। प्रत्येक कोविड मरीज को उचित उपचार मुहैया करवाने के लिए सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं। डीसी जिले के हॉटस्पॉट में प्राथमिकता आधार पर विलेज आइसोलेशन सेंटर स्थापित करेंगे।
जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इसके लिए नोडल अधिकारी होंगे। डीडीपीओ और बीडीपीओ इन आइसोलेशन सेंटर को स्थापित करने में डीसी की सहायता करेंगे। गांवों में आइसोलेशन सेंटर की स्थापना और पर्यवेक्षण के लिए ग्राम सचिवों की सेवाओं का इस्तेमाल किया जाएगा। ग्राम स्वयंसेवकों की सेवाओं का भी यथोचित ढंग से उपयोग करें। ग्राम समितियां इन आइसोलेशन सेंटर का दैनिक पर्यवेक्षण करेंगी। गांवों में आइसोलेशन सेंटर स्थापित करने के लिए जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समग्र नोडल अधिकारी होंगे।