Surajkund/Alive News: उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि हरियाणा के महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय 18 फरवरी रविवार को 37वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। यह मेला गत 2 फरवरी को शुरू हुआ था, जिसमें देश-विदेश के शिल्पकारों ने अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित किया तथा देशी-विदेशी कलाकारों ने अपनी संस्कृति की झलक बिखेरी।
उन्होंने बताया कि 37वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में दुनिया और भारत के शिल्पकारों की अभूतपूर्व भागीदारी देखने को मिली। हस्तशिल्प, हथकरघा और भारत की सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए 1987 में पहली बार सूरजकुंड शिल्प मेले की मेजबानी की गई थी।
केंद्रीय पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति, विदेश मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हरियाणा पर्यटन निगम द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा यह शिल्प मेला आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
2013 में शिल्प मेला ने स्थापित किया बैंचमार्क, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया गया अपग्रेड
सूरजकुंड शिल्प मेला के इतिहास में 2013 में नया आयाम कायम किया। इस मेला को इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड किया गया। इस वर्ष शिल्प मेला में लगभग 50 देश भाग ले रहे हैं। शिल्प मेला का पार्टनर देश तंजानिया तथा थीम स्टेट गुजरात है।
पर्यटकों को लुभाने के लिए मेला में आ रहे देशी-विदेशी कलाकार
37वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला में देशी-विदेशी कलाकार अपनी संस्कृतियों से पर्यटकों को रूबरू करवा रहे हैं तथा पर्यटकों को शिल्प मेला की ओर आकर्षित कर रहे हैं। सूरजकुंड शिल्प मेला का मैदान 43.5 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और इसमें शिल्पकारों के लिए 1000 से अधिक झोपडिय़ों और एक बहु-व्यंजन फूड कोर्ट है, जो पर्यटकों में बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं।
मेला में आने वाले पर्यटकों व शिल्पकारों के अलावा कलाकारों की पुख्ता सुरक्षा के सभी प्रबंध किए गए हैं। मेला क्षेत्र में नाइट विजन कैमरों के साथ 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। किसी भी अप्रिय घटना या दुर्घटना को रोकने के लिए मेला परिसर में महिला गार्ड सहित पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। मेले में प्रवेश करने वाले सभी लोगों की प्रवेश केद्रों पर जांच की जा रही है।