अमृतसर (पंजाब) : देश की पहली महिला आईपीएस और लेफ्टिनेंट गवर्नर किरण बेदी का जन्म 9 जून 1949 को पंजाब के अमृतसर में हुआ है। वे आज किसी भी परिचय की मोहताज नहीं है। इस कामयाबी का श्रेय वैसे तो वो अपने माता-पिता को देतीं हैं लेकिन हम उनकी कड़ी मेहनत को भी नजर अंदाज नहीं कर सकते। टेनिस कोर्ट से शुरु हुई थी लव स्टोरी…
– किरण बेदी की लव स्टोरी भी बेहद दिलचस्प है। अमृतसर के टेनिस कोर्ट पर बृज और किरण की पहली मुलाकात हुई थी।
– बृज बेदी एक बिजनेसमैन के अलवा टेनिस के खिलाड़ी थे।
– यहीं प्यार हुआ और यहीं के शिवाला मंदिर में 9 मार्च 1972 को शादी कर ली। शादी के लिए पहले प्रपोज किरण ने ही किया था।
– बताया जाता है कि किरण और बृज की शादी बहुत ही साधारण तरीके से हुई थी। न ढोल था, न बराती।
– किरण बेदी ने उपलब्धियों की शुरुआत टेनिस से की। ऑल इंडिया और ऑल एशियन टेनिस चैंपियनशिप विजेता बनने के बाद उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में जाने का लक्ष्य तय किया।
– बृज हर शुक्रवार किरण से मिलने दिल्ली आते थे।
बृज बेदी किरण से उम्र में आठ साल बढ़े थे।
– किरण और बृज की शादी को 44 साल हो चुके थे, लेकिन दोनों पिछले कई साल से अलग-अलग रह रहे थे। किरण दिल्ली में रहती हैं और बृज अमृतसर में रहते थे।
कौन थे बृज बेदी
– बृज बेदी अमृतसर के रहने वाले थे उनका जन्म भी पंजाब में हुआ था।
– बृज बेदी कई NGO’ से जुड़े हुए थे। बिजनेसमैन होने के साथ-साथ बृज सामाजिक काम भी करते थे।
– वह अमृतसर के मथबूलपुरा इलाके के एक गरीब बच्चों के स्कूल के लिए काम कर रहे थे।
– अमृतसर में अश्लील पोस्टरों के खिलाफ अभियान चलाने के साथ ही उन्होंने शहर की सफाई, ट्रैफिक अरेंजमेंट के लिए भी कई अभियान चलाए हैं।
– वह स्टूडेंट्स की स्कॉलरशिप्स के लिए भी कई योजनाएं भी चला चुके थे।
– अमृतसर में खेल के विकास के लिए काम करने वाले बृज को फोटोग्राफी का भी शौक था।
पुड्डुचेरी में हैं लेफ्टिनेंट गवर्नर
किरण बेदी को पुड्डुचेरी का लेफ्टिनेंट गवर्नर बनाया गया है। 2015 में दिल्ली में बीजेपी की तरफ से वे सीएम कैंडिडेट थीं। हालांकि, बीजेपी को जीत हासिल नहीं हुई और बेदी खुद भी चुनाव हार गई थीं
किडनी चलते हुई थी किरण बेदी के पति की मौत
बेदी के पति बृज बेदी का पिछले साल निधन हो गया। उन्हें किडनी और सांस लेने में प्रॉब्लम होने पर पिछली साल उन्हें गुड़गांव के मेदांता मेडिसिटी हॉस्पिटल में 28 जनवरी को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। यहीं उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली थी।