November 24, 2024

गंगूबाई काठियावाड़ी’ पर विवाद, रिलीज से पहले फिल्म के खिलाफ कोर्ट पहुंचा गंगूबाई का परिवार

New Delhi/Alive News: एक्ट्रेस आलिया भट्‌ट की अपकमिंग फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ 25 फरवरी को रिलीज होने जा रही है। फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में आलिया ‘गंगूबाई’ के किरदार में नजर आने वाली हैं, लेकिन अब रिलीज से पहले यह फिल्म विवादों में घिरती नजर आ रही है। फिल्म पर हाल ही में गंगूबाई की फैमिली ने आपत्ति जताई है। परिवार ने फिल्म के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। परिवार का आरोप है कि इस फिल्म में हमारी मां को सोशल वर्कर से प्रॉस्टिट्यूट बना दिया गया है।

गंगूबाई के बेटे बाबूरावजी शाह ने कहा, ‘फिल्म में मेरी मां को तो प्रॉस्टिट्यूट बनाकर रख दिया। अब लोग उनके बारे में तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। यह बातें हमारी फैमिली को बहुत परेशान कर रही हैं। वहीं गंगूबाई की नातिन भारती ने कहा कि फिल्म के मेकर्स ने पैसों के लालच में आकर मेरे परिवार को डी-फेम कर दिया है। यह बिल्कुल भी एक्सेप्ट नहीं किया जा सकता है। मेकर्स ने फिल्म बनाने के लिए परिवार की सहमति भी नहीं ली है और न ही बुक के लिए कोई हमारे पास आया था।

जानकारी के मुताबिक भारती ने फिल्म के मेकर्स पर भड़कते हुए कहा, ‘मेरी नानी कमाठीपुरा में रहती थीं, तो क्या वहां रहने वाली हर औरत वेश्या हो गई। मेरी नानी ने वहां 4 बच्चों को एडॉप्ट किया था, जो प्रॉस्टिट्यूट के ही बच्चे थे। मेरी मां का नाम शकुंतला रंजीत कावी, दूसरे बेटे का नाम रजनीकांत रावजी शाह, तीसरे बेटे का नाम बाबू रावजी शाह और चौथी बेटी है, जिसका नाम सुशीला रेड्डी हैं। हम उन्हीं के परिवार से हैं।

भारती ने आगे कहा, ‘हम एक ओर जहां गर्व से अपनी नानी के किस्से लोगों को सुनाया करते थे। फिल्म के ट्रेलर के सामने आने के बाद तो हमारे परिवार की इज्जत की धज्जियां उड़ गई हैं। लोग कहने लगे हैं कि आपकी नानी तो प्रॉस्टिट्यूट थीं। मेरी नानी ने जिंदगी भर कमाठीपुरा के प्रॉस्टिट्यूट के उत्थान के लिए काम किया है। इन लोगों ने तो मेरी नानी को क्या से क्या बना दिया है। हमें तो लोग अब प्रॉस्टिट्यूट की औलाद कह कर बुला रहे हैं। मैं और मेरा परिवार तो अब घर से बाहर जाने में भी कतरा रहा है।

आप एक सोशल एक्टिविस्ट को प्रॉस्टिट्यूट की तरह रिप्रेजेंट कर रहे हो, ऐसा किस परिवार को पसंद आएगा। उन्हें तो आपने वैंप और लेडी माफिया डॉन बना दिया है। दूसरी बात ये है कि हमारे यहां के सिस्टम का मसला यह है कि अगर आपके घर की इज्जत सरेआम नीलाम हो रही है, तो लोग यहां उनकी इज्जत को बचाने के बजाय बेटे से ही सबूत मांग रहे हैं कि वो उनके बेटे हैं इसे प्रूव करो। हालांकि हमने इसे निचले कोर्ट में साबित कर दिया है, लेकिन अब हमारे मामले में आगे कोई सुनवाई नहीं हो रही है।’

संजय लीला भंसाली और राइटर हुसैन जैदी ने नहीं दिया नोटिस का जवाब
वकील ने आगे बताया कि 2020 से गंगूबाई के फैमिली वालों की यह लड़ाई शुरू हुई, जब उनके बेटे को पता चला है कि उनकी मां पर कोई बुक आई है और फिल्म भी बन रही है। वहीं फिल्म के प्रोमो के साथ उनकी मां की फोटो देखने के बाद उन्हें असल सिचुएशन का पता लगा है। वकील ने कहा कि अभी उनके फैमिली वाले कभी अंधेरी, तो कभी बोरीवली जैसी जगहों में शिफ्ट हो रहे हैं।

लोगों के सवालों से बचने के लिए वे अपना ठिकाना बार-बार बदल रहे हैं, क्योंकि लोग उनसे सवाल पूछ रहे हैं कि क्या वाकई तुम्हारी मां प्रॉस्टिट्यूट थीं। इतना ही नहीं लोग उन्हें ताने भी मार रहे हैं कि तुम तो कहते थे कि तुम्हारी मां सोशल वर्कर है, लेकिन फिल्म में तो कुछ और ही बताया जा रहा है। इन सवालों से उनके परिवार वालों का मेंटल स्टेटस ठीक नहीं है और कोई शांति से नहीं रह पा रहा है। वकील ने यह भी बताया कि हमने संजय लीला भंसाली और राइटर हुसैन जैदी को भी नोटिस भेजा है।