New Delhi/Alive News: आलिया भट्ट का विज्ञापन ‘कन्यादान’ काफी बवाल मच रहा है। विज्ञापन में उनका कहना था कि कन्यादान की जगह कन्यामान को स्वीकृति मिलनी चाहिए विज्ञापन का मतलब था कि लड़की कोई दान देने की चीज़ नहीं तो बेहतर होगा उसे दान देने के बजाय मान दें और दूसरा परिवार उसे कन्या मान लें।
मोहे मान्यवर ब्राइडल लहंगे के इस विज्ञापन पर काफी विवाद हो रहा है। कुछ लोगों ने इस विज्ञापन को हिंदू धर्म और हिंदू रीति-रिवाजों के खिलाफ मान लिया है। लोगों का मानना है कि बार-बार इस तरह की चीजें बनती और प्रसारित होती हैं जो हिंदुओं की मान्यताओं के खिलाफ हैं।
मुंबई थाने में दर्ज हुई शिकायत
जानकारी के मुताबिक इस ऐड के खिलाफ मुंबई के सांता क्रूज थाने में एक शख्स ने शिकायत दर्ज करायी है। इसमें आलिया और कंपनी दोनों को इस विज्ञापन के लिए दोषी ठहराया गया है। शिकायत करने वाले का कहना है कि आलिया ने इस विज्ञापन के माध्यम से हिंदुओं की भावनाओं का आहत किया है। हिंदू धर्म में जो भी मान्यताएं हैं उनके खिलाफ इस तरह के विज्ञापन नहीं बनने चाहिए।
क्या है विज्ञापन में ऐसा
इस ऐड में आलिया दुल्हन बनी मंडर पर बैठी हैं और लड़कियों के बारे में तमाम तरह की प्रचलित बातों पर बोल रही हैं। जैसे लड़कियों को पराया धन क्यों कहा जाता है, उनका कोई घर नहीं होता या वो तो चिड़ियां हैं एक दिन उड़ जाएंगी वगैरह। तभी कन्यादान का समय आता है तो उनका परिवार केवल लड़के को नहीं लड़के के परिवार को भी आलिया का हाथ सौंपता है और स्लोगन आता है कि ‘कन्यादान नहीं कन्यामान करिए’।