November 5, 2024

ऐसे खाद्य पदार्थो के सेवन से बढ़ सकता है कैंसर होने का खतरा

Health/Alive News: कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी होना और फिर उसका इलाज करना मानसिक और शारीरिक रूप से काफी तोड़ देने वाला और दर्दभरा होता है। कैंसर का नाम सुनकर ही लोग डर जाते हैं। एक बार कैंसर होने का पता चल जाए, तो जितनी जल्दी इलाज शुरू हो जाए, उतनी ही अधिक बचने की संभावना बढ़ जाती है। कैंसर होने पर इलाज के दौरान शारीरिक रूप से व्यक्ति कमजोर हो जाता है। उसकी भूख मर जाती है। कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी के शरीर पर कई साइड एफेक्ट्स होते हैं। लेकिन, बावजूद इसके आपको शारीरिक रूप से खुद को मजबूत रखने की जरूरत होती है, ताकि शरीर कैंसर के ट्रीटमेंट को झेल सके, उसका डट कर मुकाबला कर सके।

फ्राइड फूड्स जैसे पूड़ी, कचौड़ी, समोसे, फ्रेंच फ्राइज़, पकौड़े आदि के अधिक सेवन से वजन बढ़ने का और डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। ये चीजें ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इंफ्लेमेशन बढ़ाती हैं, जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

ज्यादा मात्रा में शुगर और स्टार्ची फूड्स का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे का शिकार हो सकते हैं। दोनों ही स्थिति में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है और साथ में कैंसर होने का खतरा भी बढ़ता है।

WHO कैंसर रिसर्च एजेंसी के अनुसार आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाला आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्पर्टेम को संभावित रूप से कार्सिनोजेनिक प्रकृति का होने वाली कैटेगरी में रखा गया है।

ऐसा मीट जिसे साल्टिंग, क्यूरिंग, कैनिंग या स्मोकिंग से प्रिजर्व कर के रखा जाता है, उसे प्रोसेस्ड मीट कहते हैं। अधिकतर प्रोसेस्ड मीट रेड मीट होता है। हॉट डॉग, सलामी, सॉसेज जैसे प्रोसेस्ड मीट के सेवन से बचना चाहिए।

कुछ खाने की चीजें जैसे मीट, जिन्हें आवश्यकता से अधिक पका दिया जाता है तो ये कार्सिनोजन बनाने लगते हैं। अधिक तापमान पर खाना बनाने से या फिर ओपन फ्लेम में खाना पकाने से वो ओवरकुक हो सकता है। ग्रिलिंग, बारबेक्यू या पैन फ्राइंग में खाने के ओवरकुक होने की संभावना बढ़ जाती है।

नोट- अलाइव न्यू़ज इस खबर की पुष्टि नहीं करता। अधिक जानकारी के लिए अपने डाॅक्टर की सलाह लें।