Tilak Raj Sharma/Alive News : हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर की रोजी-रोटी बचाओं रैली से हुड्डा ग्रुप के नेताओं ने दूरी बनाई हुई थी। एक तरफ कांग्रेस आलाकमान का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस में किसी तरह की भी गुटबाजी नहीं है, लेकिन अशोक तंवर की रोजी-रोटी बचाओं फरीदाबाद रैली में साफ देखने को मिला कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के कार्यक्रमों में दिखाई देने वाले कांग्रेसी नेता कहीं दिखाई नही दिए। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आला नेता इस गुटबाजी से परेशान हैं। लेकिन हरयिाणा में कांग्रेस संगठन के दो धड़ो में बटे होने से पार्टी को जो नुकसान उठाना पड़ रहा है उसको लेकर भी मंथन चल रहा है।
इस मंथन में हरियाणा प्रदेश प्रभारी से लेकर प्रदेश की गतिविधियों में जुड़े आलाकमान के नेता हरियाणा से आ रही वत्र्तमान विधायक और पूर्व मंत्रियों की शिकायतों को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय उपवाध्यक्ष राहुल गांधी और अध्यक्षा सोनिया गांधी से मिल रहे हैं। लेकिन हुड्डा और तंवर ग्रुप प्रदेश में एक होने का नाम नही ले रहा है। प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी फरीदाबाद रोजी-रोटी बचाओं रैली में ही नहीं बल्कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की रैलियों में भी देखने को मिली है।
तंवर और हुड्डा खेमे में पिछले काफी समय से विवाद है और एक बड़ी खाई दिल्ली में कुछ समय पहले दोनों गुटों के बीच मारपीट के बाद चरम पर पहुंच गई थी। आलम यह है कि आज प्रदेश में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा गु्रप के विधायक डॉ. अशोक तंवर को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की राह पर चल रहे है। हांलाकि दिल्ली की घटना के बाद से ही हुड्डा समर्थकों ने तंवर के कार्यक्रमों से दूरी बना शुरू की हुई है। ऐसे में कांग्रेस संगठन हरियाणा की राजनीति में फिर से कैसे वापसी करेगा यह बात भविष्य की राजनीति के गर्भ में है।