Faridabad/Alive News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने साल 2023- 24 के लिए आम बजट मंगलवार को पेश कर दिया। बजट पेश होने के बाद सभी वर्गो की अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई है। कुछ वर्गों ने इस बजट की सराहना की तो कुछ वर्गों ने इस बजट की आलोचना की। इस बजट से वेतनभोगी लोगो को राहत मिली है तो मिडिल क्लास फैमिली को सरकारी योजना के अलावा कुछ खास राहत नहीं मिली है। इस बजट से बेरोजगार युवा नाखुश है। वहीं इस बजट में कृषि क्षेत्र, चिकित्सा क्षेत्र,आदिवासियों के लिए मुफ्त राशन योजना, शिक्षा क्षेत्र, सुखा से प्रभावित क्षेत्र और रेलवे सहित कई क्षेत्रों में फंड को बढ़ाया गया है।
बजट पर महिलाओं की प्रतिक्रिया
महिलाओं के लिए सबसे बड़ी परेशानी गैस सिलेंडर और खाद्य पदार्थ है। जिसके दम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दाम इतने बढ़ गए हैं कि हम घर का बजट मैनेज काफी परेशानी हो रही है। गृहणियों को इस बजट से सिलेंडर और खाद्य पदार्थों दामों में कमी की उम्मीद थी। जो इस बजट में नहीं मिला।
- बीना, ग्रहणी।
सरकार का यह बजट संतुलित बजट है। महिला उद्यमी पहले ही व्यापार की रेस पीछे हैं। व्यापार में पुरुषों की बराबरी के लिए महिलाओं को इनकम टैक्स से लेकर अन्य चीजों में छूट मिलना चाहिए था। महिला व्यापारियों के लिए बजट में अलग प्रावधान किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि बजट में महिलाओं के लिए कुछ भी ऐसा नहीं है जो हमें चाहिए था।
- लतेश, कामकाजी महिला।
बजट पर युवाओं की प्रतिक्रिया
इस बजट से बेरोजगार युवाओं को रोजगार के ढेर सारे नए अवसर मिलने की उम्मीद थी। लेकिन वित्त मंत्री ने तो रोजगार के बारे में जिक्र तक नहीं किया। बजट भी सरकार की तरह की निराशाजनक रहा है।
- संजय, युवा।
उद्योगपतियों की प्रतिक्रिया
बजट काफी अच्छा है। लेकिन उम्मीद की जा रही थी कि आईटी और जीएसटी के कानून को थोड़ा सरल किया जाए। इसके अलावा एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए बेहतर कदम उठाए जा सकते थे। इन कमियों को छोड़कर बजट काफी अच्छा है।
- अरूण बजाज, उद्योगपति।
चिकित्सकों की प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च जीडीपी के 2.5 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही थी, पर अभी यह लक्ष्य दूर है। वैश्विक स्तर पर जिस प्रकार से कोरोना महामारी के बाद मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ी हैं, ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि सरकार इस बजट में कुछ नई घोषणाएं कर सकती है, पर फिलहाल ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है। पिछले बजट में मानसिक स्वास्थ्य पर जोर दिया गया था।
डॉ. आर.एस वर्मा, चेयरमैन- मेडीचेक अस्पताल।
सरकार ने सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने, 157 नर्सिंग कॉलेजों की शुरुआत जैसी घोषणाएं की हैं जो स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बेहतर प्रयास हैं। इस बजट में चिकित्सा उपकरणों के लिए समर्पित पाठ्यक्रमों की घोषण की गई है। मानसिक स्वास्थ्य सुधार के लिए यह बजट ठीक-ठाक रहा है। सरकार ने टेलीमेंटल हेल्थ के बजट को बढ़ाकर 121 से 131 करोड़ किया है, यह निश्चित ही सराहनीय कदम है।
- डॉ. सुरेश अरोड़ा, ऑर्थोपेडिक सर्जन।