November 16, 2024

भारत के सख्त रुख से बौखलाया चीन, बोला अधिक नुकसान उठाएगा भारत

Beijing (PTI)/Alive News : चीन ने भारत पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। चीन ने कहा कि भारत यह कहकर लोगों को भ्रमित कर रहा है कि डोकलाम में चीन जिस सड़क निर्माण कर रहा है वह सिक्किम सेक्टर के ‘चिकंस नेक’ के करीब है। इससे उत्तर पूर्वी राज्यों तक भारत की पहुंच खतरे में पड़ सकती है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि भारत डोकलाम में सड़क निर्माण पर जबरन विवाद खड़ा कर रहा है। गेंग ने कहा कि भारत 1890 की चीन-ब्रिटेन संधि को नजरंदाज करते हुए लोगों में भ्रम फैला रहा है। उसका कहना है कि भारत पंचशील समझौते का उल्लंघन कर रहा है। चीन का कहना है कि सीमा विवाद पर भारत वार्ता करना चाहता है तो उसे अपनी सेना पीछे हटानी होंगी।

अलर्ट जारी करने पर विचार कर रही है चीनी सरकार
भारत-चीन सीमा पर हो रही उठापटक के बीच चीन की सरकार भारत दौरे पर गए चीनी नागरिकों को अलर्ट करने पर विचार कर रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस बारे में गंभीरता से विचार किया जा रहा है। अगर खतरा लगा तो चीनी नागरिकों को भारत से आगाह किया जाएगा। उधर, ग्लोबल टाइम्स अखबार ने अपने लेख के जरिये भारत में रह रहे चीनी नागरिकों को आगाह किया है कि चीन विरोधी तत्वों से सावधान रहें। मीडिया ने अपने लेखों में सरकार को सलाह दी है कि वो भारत में निवेश को कम कर दे। हालांकि विदेश मंत्रालय ने ताजा बयान में मीडिया की इस धारणा को खारिज किया है। उनका कहना है कि अलर्ट जारी करना मौजूदा हालात को देखते हुए एक जरूरत हो सकती है, लेकिन निवेशकों को कोई खतरा नहीं है।

युद्ध हुआ तो 62 से अधिक नुकसान उठाएगा भारत : चीन
चीन की मीडिया ने धमकी दी कि अगर युद्ध हुआ तो भारत को 1962 की तुलना में अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा। चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपने संपादकीय में कहा कि भारत को कड़ा सबक सिखाना चाहिए। डोकलाम इलाके में तीसरे सप्ताह भी गतिरोध जारी है। उसने यह भी दावा किया कि चीनी लोग भारत के उकसावे से आहत हैं।

चीन से वार्ता करे भारत : माकपा
माकपा के राष्ट्रीय महासचिव के सुधाकर रेड्डी ने चीन की धमकी को आश्चर्यजनक बताते हुए कहा कि भारत को शांतिपूर्ण तरीके से वार्ता करके विवाद सुलझाना चाहिए। उनका कहना था कि बात चाहे चीन की हो या फिर पाक व बांग्लादेश की। सारे हमारे पड़ोसी हैं। किसी भी विवाद का निपटारा शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए।